अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति कारोबारी एलॉन मस्क के बीच में कुछ भी ठीक नहीं है. मस्क ने पहले DOGE से इस्तीफा दिया और अब इस्तीफे के बाद वह खुलकर ट्रंप के खिलाफ खड़े हो गए हैं. दोनों ओर से दनादन आरोपों की बौछार हो रही है. लेकिन सोचने वाली बात है कि ट्रंप और मस्क की जय और वीरू जैसी ये जोड़ी आखिर टूटी कैसे?
2024 के राष्ट्रपति चुनाव में मस्क ने ट्रंप का खुलकर समर्थन किया था. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए ट्रंप के समर्थन में जबरदस्त कैंपेन चलाया था और कई मौकों पर सार्वजनिक रैलियों में शिरकत की थी. मस्क को इसका इनाम भी मिला और उन्हें DOGE का प्रभार सौंप दिया गया. लेकिन फिर आया ट्रंप का महत्वाकांक्षी One Big, Beautiful Bill जिसे जोर-शोर से पारित किया गया. मस्क ने पहले दबी-जुबान में इसका विरोध किया और बात नहीं बनने पर खुलकर इसके विरोध में खड़े हो गए.
इस बिल का मस्क की ओर से विरोध किए जाने की वजह सामने आई कि इस बिल में इलेक्ट्रिक वाहनों के टैक्स क्रेडिट को खत्म कर दिया गया, जिससे मस्क के टेस्ला की बिक्री पर सीधे-सीधे असर पड़ता. इस वजह से मस्क ने इस बिल को विध्वंस्क बताते हुए ट्रंप पर रातोरात इसे पारित करने का आरोप लगा दिया.
ट्रंप ने मस्क पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे इसमें कोई परेशानी नहीं है कि मस्क मेरे खिलाफ खड़े हो गए हैं. उन्हें ये महीनों पहले कर देना चाहिए था. ये संसद में पेश किया गया अब तक का सबसे बेहतरीन बिल है. इसे सरकार का भारी-भरकम खर्चा बचेगा और टैक्स में अब तक की सबसे बड़ी कटौती होगी. अगर ये बिल पारित नहीं होता तो टैक्स में 68 फीसदी बढ़ोतरी होती.
इस पर एलॉन मस्क ने पलटवार करते हुए कहा कि ये बिल मुझे एक बार भी नहीं दिखाया गया और इसे रातोरात पारित कर दिया गया ताकि संसद में भी इसे कोई पढ़ ना सके.
इस तरह ट्रंप और मस्क अब खुलकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. ट्रंप ने सिलसिलेवार पोस्ट कर मस्क पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे बजट की एक भारी-भरकम धनराशि खर्च करने से बचाने का आसान तरीका है कि मस्क की सराकरी सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर देना चाहिए. मुझे हैरानी है कि बाइडेन ने ऐसा क्यों नहीं किया?
इस पर मस्क भी चुप नहीं बैठे. उन्होंने पलटवार करते हुए कहाकि मेरे सरकारी कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने के राष्ट्रपति के बयान के मद्देनजर स्पेसएक्स जल्द ही अपने ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की डिकमिशनिंग शुरू कर देगा.
ट्रंप ने कहा कि मस्क मेरे खिलाफ खड़ा हो गया है क्योंकि मैंने उन्हें DOGE छोड़ने को कहा था. मैंने इलेक्ट्रिक वाहन मैंडेट खत्म कर दिया. इसकी वजह से लोग इलेक्ट्रिक कार खरीदने को मजबूर हो रहे थे. इस वजह से वह (मस्क) क्रेजी हो गया है.
इसका जवाब देते हुए मस्क ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ से इस साल की दूसरी छमाही में मंदी आ सकती है.
मस्क और ट्रंप की जुबानी जंग ने निवेशकों की टेंशन बढ़ा दी है. जिस वजह से मस्क की टेस्ला के शेयरों में गिरावट आई है. 2010 में टेस्ला के पब्लिक होने के बाद 15 साल में गुरुवार को 11वां ऐसा मौका था, जब टेस्ला के शेयर में इतनी ज्यादा गिरावट देखने को मिली.
टेस्ला के शेयर में 14 फीसदी तक की गिरावट दर्ज कई गई है. इससे मस्क को लगभग 12.6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है. टेस्ला के शेयरों में गिरावट के चलते मस्क की नेटवर्थ में भी कमी आई है. गुरुवार को मस्क को 26 अरब डॉलर (2.23 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है. फोर्ब्स के मुताबिक, अब उनकी नेटवर्थ 388 अरब डॉलर (33.31 लाख करोड़ रुपये) हो गई है. इसे ऐसे समझ लीजिए कि ट्रंप की नेटवर्थ 5.5 अरब डॉलर है. मस्क को एक दिन में इससे 5 गुना ज्यादा का नुकसान हुआ है.
मस्क को ट्रंप से क्या दिक्कत है?
डोनाल्ड ट्रंप सरकार के इस बिल में इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद पर मिलने वाली टैक्स छूट को खत्म करने का प्रस्ताव है. बाइडेन सरकार नई EV खरीदने पर 7,500 डॉलर की टैक्स छूट देती थी. ट्रंप इसे खत्म करने जा रहे हैं.
इस बिल में प्रावधान है कि जो कंपनियां 2009 से 2025 के बीच दो लाख EV बेच चुके हैं, उन्हें छूट नहीं मिलेगी. यह सीधेतौर पर एलॉन मस्क की टेस्ला के लिए झटका है.
एक अन्य वजह है कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA में एलॉन मस्क अपने भरोसेमंद जेरेड इसाकमैन को एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में नियुक्त करवाना चाहते थे. लेकिन ट्रंप ने उनकी सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया. मस्क का मानना था कि अगर इसाकमैन NASA में एडमिनिस्ट्रेटर बनते हैं, तो इससे उनकी कंपनी SpaceX को भी फायदा होगा.
ट्रंप ने मस्क को DOGE की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसका काम सरकारी खर्च में कटौती करना था. ट्रंप ने उन्हें एक तरह से 'बेकार और फालतू खर्च' कम करने को कहा था. इसके लिए DOGE ने हजारों-लाखों सरकारी कर्मचारियों की छंटनी की. इसने एलन मस्क की छवि को नुकसान पहुंचाया. ज्यादातर लोगों का मानना था कि मस्क अपनी मर्जी से लोगों को नौकरियों से निकाल रहे हैं.
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