तारीख पर चुप्पी, सत्ता पर साजिश का शक... बांग्लादेश में चुनाव को लेकर बढ़ता जा रहा असमंजस

ह्यूमन राइट्स एंड पीस फॉर बांग्लादेश के अध्यक्ष मंजिल मुरशिद ने एक बयान में कहा, 5 अगस्त 2024 के बाद देश में एक साजिश देखी गई. प्रशासन ने जनता की मांग के अनुसार स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने की दिशा में कदम नहीं उठाया है.

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस.

aajtak.in

  • ढाका,
  • 28 जून 2025,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST

बांग्लादेश में आगामी आम चुनावों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ह्यूमन राइट्स एंड पीस फॉर बांग्लादेश के अध्यक्ष मंजिल मुरशिद ने आशंका जताई है कि देश में चुनाव एक बार फिर से टल सकते हैं. अब तक चुनाव आयोग ने आधिकारिक कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है.

मुरशिद ने एक बयान में कहा, 5 अगस्त 2024 के बाद देश में एक साजिश देखी गई. सरकार ने जनता की मांग के अनुसार स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने की दिशा में कदम नहीं उठाया. इसी दौरान डॉ. मुहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के रूप में सत्ता में आए, जबकि संविधान में इसकी कोई व्यवस्था नहीं है.

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उन्होंने आगे कहा कि आखिरकार मुख्य सलाहकार लंदन गए, जहां उन्होंने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान से मुलाकात की. इस बैठक के बाद एक संयुक्त घोषणा हुई, जिसमें कहा गया कि फरवरी में चुनाव होंगे, लेकिन अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है. चुनाव आयोग ने अब तक कोई आधिकारिक कार्यक्रम जारी नहीं किया है. 

बांग्लादेश में चुनाव पर असमंजस...

दरअसल, बांग्लादेश में विपक्ष लंबे समय से यह आरोप लगाता रहा है कि सरकार चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है और निष्पक्ष चुनाव की संभावना पर संदेह बना हुआ है. अगर फरवरी में चुनाव होते भी हैं, तब भी यह देखना होगा कि क्या वे वास्तव में निष्पक्ष और समावेशी होंगे. फिलहाल, सबकी निगाहें चुनाव आयोग पर टिकी हैं. 

'सरकार के सहयोग बिना चुनाव संभव नहीं...'

पिछले हफ्ते बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नासिर उद्दीन ने एक बयान में कहा था कि सरकार के सहयोग के बिना चुनाव संभव नहीं है. उनका कहना था कि चुनाव प्रक्रिया में सरकार की केंद्रीय भूमिका होती है और इसके सहयोग के बिना चुनाव कराना संभव नहीं है.

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नासिर उद्दीन ने कहा, चाहे चुनाव आयोग को कितना भी स्वतंत्र क्यों न कहा जाए, सरकार के सहयोग के बिना चुनाव कराना संभव नहीं है. हमें चुनाव सरकार के सहयोग से ही कराना होगा.

उन्होंने यह भी जोड़ा कि चुनाव के लिए आयोग को कानून प्रवर्तन एजेंसियों, प्रशासन और उनके अधिकारियों की मदद की जरूरत होती है.

चुनाव कार्यक्रम की समय-सीमा को लेकर उन्होंने कहा, हम समय आने पर शेड्यूल की घोषणा करेंगे और तब आपको तारीख भी पता चल जाएगी. उन्होंने कहा, आपको समय आने पर सब कुछ पता चल जाएगा. हमारे पास एक कार्य योजना है, हालांकि मैं इसे रोडमैप नहीं कहूंगा.

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने घोषणा की थी कि देश का आम चुनाव अगले साल अप्रैल की शुरुआत में आयोजित किया जाएगा.
 

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