चीन के दो शीर्ष जनरलों को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और सेना से निष्कासित कर दिया गया है. शुक्रवार को चीन के रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अनुशासन और कानून के गंभीर उल्लंघन के आरोप में दोनों को निष्कासित किया गया है. निष्कासित किए गए वरिष्ठ अधिकारियों में हे वेइदोंग, जो चीन के नंबर दो जनरल माने जाते हैं, और मियाओ हुआ, जो चीनी सेना के शीर्ष राजनीतिक अधिकारी हैं, शामिल हैं.
चीन अपने मंत्रालय में भ्रष्टाचार विरोधी कैंपेन चला रहा है और ये दोनों इस कैंपेन के तहत हटाए गए सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हैं. यह मुहिम 2023 से ही चीनी सेना यानी People's Liberation Army (PLA) के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बना रही है.
हे वेइदोंग की बर्खास्तगी इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि वो केंद्रीय सैन्य आयोग (Central Military Commission) के मौजूदा सदस्य के रूप में हटाए जाने वाले पहले जनरल हैं. हे को आखिरी बार मार्च में सार्वजनिक रूप से देखा गया था, लेकिन उनके खिलाफ जांच की जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई थी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने बताया कि हे, मियाओ और सात अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने 'पार्टी के अनुशासन का गंभीर उल्लंघन किया है और उन पर बेहद बड़े पैमाने पर धन से जुड़े गंभीर अपराधों का शक है.' बयान में कहा गया कि 'उनके अपराध अत्यंत गंभीर हैं और इनसे बेहद खराब नतीजे सामने आए हैं.'
68 साल के हे का निष्कासन सैन्य हलकों से परे राजनीतिक असर भी डाल सकता है क्योंकि वे राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कम्यूनिस्ट पार्टी के 24 सदस्यीय पोलित ब्यूरो के भी सदस्य थे. पोलित ब्यूरो कम्युनिस्ट पार्टी की दूसरी सबसे बड़ी फैसले लेने वाली यूनिट है. वे केंद्रीय सैन्य आयोग के दो उपाध्यक्षों में से एक थे और शी जिनपिंग के करीबी सहयोगी माने जाते हैं.
हे के निष्कासन की घोषणा ऐसे वक्त में की गई है जब कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति, जिसमें 200 से अधिक वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, बीजिंग में अपना चौथा पूर्ण अधिवेशन (Fourth Plenum) आयोजित करने वाली है. माना जा रहा है कि इस बैठक में भी कई निष्कासन देखने को मिल सकते हैं जिसमें सेंट्रल कमिटी के कई सदस्यों का औपचारिक निष्कासन शामिल हो सकता है.
मियाओ हुआ को पिछले साल नवंबर में अनुशासन के गंभीर उल्लंघन के आरोप में जांच के दायरे में लाया गया था. जून में उन्हें केंद्रीय सैन्य आयोग से हटा दिया गया था.
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