ब्रिटेन के पब्लिक ब्रॉडकास्टर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (BBC) में अचानक दो अभूतपूर्व इस्तीफे देखने को मिले हैं- पहला बीबीसी के डायरेक्टर जनरल टिम डेवी का और दूसरा हेड ऑफ न्यूज डेबोरा टर्नेस का. इन इस्तीफों की वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक भाषण जिसे लेकर आरोप है कि बीबीसी ने एडिटेड भाषण के जरिए दर्शकों के बीच गलत संदेश भेजा.
डेवी और टर्नेस के इस्तीफे पर ट्रंप की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने रविवार रात इस्तीफे का स्वागत किया और कहा, 'बीबीसी के टॉप अधिकारी इस्तीफा दे रहे हैं, निकाले जा रहे हैं. ये लोग मेरे 6 जनवरी के परफेक्ट भाषण को एडिट करते पकड़े गए हैं. ये बहुत बेईमान लोग हैं जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की. ये लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है.'
वहीं, रविवार शाम डेवी ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि बीबीसी से उनका जाना पूरी तरह से उनका फैसला है.
स्टाफ को संबोधित एक संदेश में डेवी ने लिखा, 'हर सार्वजनिक संस्था की तरह बीबीसी भी परफेक्ट नहीं है और हमें हमेशा खुला, पारदर्शी और जवाबदेह रहना चाहिए. हालांकि मेरे इस्तीफे का यही एकमात्र कारण नहीं है, लेकिन बीबीसी न्यूज को लेकर चल रही मौजूदा बहस ने स्वाभाविक रूप से मेरे फैसले को प्रभावित किया है. कुल मिलाकर बीबीसी अच्छा काम कर रहा है, लेकिन कुछ गलतियां हुई हैं और डायरेक्टर जनरल होने के नाते, इसकी अंतिम जिम्मेदारी मुझे ही लेनी होगी.'
डेबोरा टर्नेस ने भी इस्तीफे के बाद कहा कि विवाद वहां तक पहुंच गया है जिससे बीबीसी की विश्वसनीयता को नुकसान हो रहा है.
बीते सोमवार को 'द टेलिग्राफ' ने लीक हुए इंटरनल व्हिसलब्लोइंग बीबीसी मेमो को लेकर रिपोर्ट छापी थी. रिपोर्ट में दावा किया गया कि बीबीसी के प्रोग्राम 'Panorama' में राष्ट्रपति ट्रंप के 6 जनवरी 2021 के भाषण (जिसे उन्होंने राष्ट्रपति चुनावों में हार के बाद दिया था) के दो हिस्सों को एक साथ जोड़कर एडिट किया गया था. इसे देखने पर ऐसा लग रहा था कि ट्रंप ने ही जनवरी 2021 के कैपिटल हिल दंगों को भड़काया.
Trump: A Second Chance? नामक प्रोग्राम में ट्रंप के 6 जनवरी 2021 के भाषण के कुछ हिस्सों को जोड़कर ऐसा दिखाया गया मानो उन्होंने अपने समर्थकों से कहा हो कि वो उनके साथ अमेरिकी कैपिटल हिल तक 'जोरदार लड़ाई' लड़ने के लिए चलें. इसे बीबीसी ने पिछले साल के अमेरिकी चुनाव से ठीक एक हफ्ता पहले ब्रॉडकास्ट किया था.
6 जनवरी 2021 को ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में भाषण दिया था जिसमें उन्होंने अमेरिकी चुनाव में अपनी हार को स्वीकारने से इनकार कर दिया था. उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा था, 'हम सभी कैपिटल हिल तक जाएंगे और अपने सांसदों का उत्साह बढ़ाएंगे.'
वहीं, एडिटेड वर्जन में भाषण के दो हिस्सों को जोड़कर दिखाया गया, असल भाषण में जिनके बीच करीब 50 मिनट का अंतर था. एडिटेड वर्जन में ट्रंप कहते दिखे, 'हम कैपिटल हिल तक जाएंगे...मैं आप सबके साथ रहूंगा. हम लड़ेंगे...पूरी ताकत से लड़ेंगे.'
बताया जा रहा है कि प्रोग्राम से हालांकि, उस हिस्से को हटा दिया गया जिसमें ट्रंप ने लोगों से 'शांतिपूर्वक और देशभक्ति के साथ अपनी आवाज उठाने' की अपील की थी.
बीबीसी अब अमेरिकी राष्ट्रपति के भाषण को पैनोरामा प्रोग्राम में एडिट करने के मामले में माफी मांगने की तैयारी में है. यह कदम उस आलोचना के बाद उठाया जा रहा है जिसमें ब्रिटेन के एक मंत्री ने कहा था कि बीबीसी के कुछ फैसले 'हमेशा सोच-समझकर नहीं लिए जाते.'
बीबीसी के चेयरमैन समीर शाह से उम्मीद की जा रही है कि वो इस एडिटिंग के फैसले के लिए माफी मांगेंगे. यह माफी संसद की संस्कृति, मीडिया और खेल समिति के अनुरोध के जवाब में दी जाएगी, जिसने कहा था कि इस मामले में 'गंभीर सवालों के जवाब देने की जरूरत है.'
बीबीसी के एक प्रवक्ता ने कहा, 'बीबीसी के चेयरमैन सोमवार को संस्कृति, मीडिया और खेल समिति को इस मामले पर विस्तृत जवाब देंगे.'
द टेलीग्राफ के लीक मेमो में यह चिंता भी जताई गई कि बीबीसी अरबी सेवा की इजरायल-गाजा युद्ध संबंधी कवरेज में मौजूद सिस्टेमिक पक्षपात की समस्याओं' को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
लीक हुआ यह मेमो माइकल प्रेस्कॉट ने लिखा था, जो बीबीसी की एडिटोरियल स्टैंडर्ड कमिटी के पूर्व स्वतंत्र बाहरी सलाहकार रहे हैं. उन्होंने यह पद जून में छोड़ दिया था.
मेमो में प्रेस्कॉट ने बीबीसी की ट्रांसजेंडर मुद्दों पर रिपोर्टिंग को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने आरोप लगाया कि बीबीसी की कवरेज को उसके एलजीबीटी एक्सपर्ट रिपोर्टरों ने प्रभावी रूप से सेंसर किया है, जो 'प्रो-ट्रांस एजेंडा' को बढ़ावा दे रहे थे.
अपने लीक हुए मेमो में उन्होंने लिखा कि जब ऐसे मुद्दे सामने आते हैं, तो बीबीसी मैनेजमेंट कोई कार्रवाई नहीं करता जिससे उन्हें निराशा होती है.
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