बांग्लादेश में दो समाचार संस्थानों के दफ्तरों को जला देने के बाद भी वहां के कट्टरपंथी बेखौफ हैं. इन कट्टरपंथियों ने अब बांग्लादेश के एक न्यूज चैनल के न्यूज हेड नाजनीन मुन्नी को हटाने की मांग की है. ऐसा न करने पर कट्टरपंथियों ने द डेली स्टार और प्रथम आलो की तरह इस न्यूज चैनल के दफ्तर को जला देंगे.
इन युवाओं ने खुद को एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट का सदस्य बताया. इन्होंने प्राइवेट टेलीविज़न चैनल ग्लोबल टीवी बांग्लादेश के अधिकारियों को धमकी दी है और उसके न्यूज़ हेड नाज़नीन मुन्नी को हटाने की मांग की है.
एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट के प्रेसिडेंट रिफत राशिद ने भी माना है कि उनके संगठन का एक सदस्य ऑफिस गया था और इस मामले में एक मेमोरेंडम सौंपा था.
एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट का बांग्लादेश की कथित क्रांति में बड़ा रोल रहा है. लेकिन अब इसके सदस्य कट्टरपंथी विचार अख्तियार कर मीडिया को निशाना बना रहे हैं.
21 दिसंबर 2025 को युवकों का एक ग्रुप ढाका के तेजगांव में चैनल के ऑफिस गए और धमकी दी. इन लोगों ने कहा कि अगर नाज़नीन मुन्नी को नौकरी से नहीं हटाया गया, तो वे प्रथम आलो और द डेली स्टार की तरह ऑफिस में आग लगा देंगे. बता दें कि 18 दिसंबर की रात को दंगाइयों ने प्रथम आलो और द डेली स्टार के ऑफिस में हमला किया था और आग लगा दी थी.
बांग्लादेश की तेजतर्रार पत्रकार नाजनीन मुन्नी
सीनियर पत्रकार नाजनीन मुन्नी अभी ग्लोबल टीवी बांग्लादेश में न्यूज हेड के तौर पर काम कर रही हैं. उन्होंने इस साल जुलाई में चैनल जॉइन किया था. इससे पहले वह DBC न्यूज़ में असाइनमेंट एडिटर थीं. युवाओं के ग्रुप की धमकियों के बारे में बताते हुए नाजनीन मुन्नी ने आज एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, "एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट की सिटी यूनिट के नाम पर 7-8 लोग मेरे ऑफिस आए और धमकी दी कि अगर मैंने नौकरी नहीं छोड़ी, तो वे प्रथम आलो-द डेली स्टार की तरह ऑफिस में आग लगा देंगे."
संपर्क करने पर पत्रकार नज़नीन मुन्नी ने प्रथम आलो को बताया कि उन्हें लगता है कि यह धमकी मीडिया पर हमलों की एक सीरीज का हिस्सा थी, जिसका मकसद उन्हें नौकरी से हटवाना था.
नाजनीन मुन्नी ने क्या बताया?
घटना के बारे में बताते हुए नाजनीन मुन्नी ने कहा कि 21 दिसंबर की शाम को उन्होंने रिपोर्टर्स के साथ एक मीटिंग की. रात करीब 8:00 बजे उनका एक दोस्त उनसे मिलने आया और वह उसके साथ गुलशन के एक रेस्टोरेंट में गईं. रात करीब 8:30 बजे सात-आठ युवाओं का एक ग्रुप उनके ऑफिस आया. इससे पहले उन्होंने चैनल के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) अहमद हुसैन से फोन पर बात की थी. उन्होंने खुद को एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट की मेट्रोपॉलिटन यूनिट का सदस्य बताया. लेकिन फोन कॉल के दौरान उन्होंने अपने आने का मकसद नहीं बताया.
नाजनीन मुन्नी ने कहा, “MD से मिलकर उन युवाओं ने सबसे पहले कहा कि इंकलाब मंच के प्रवक्ता शहीद शरीफ उस्मान हादी की मौत की कवरेज ठीक से नहीं हुई है. फिर उन्होंने मेरा जिक्र किया. उन युवाओं ने MD से कहा, आपने नाजनीन मुन्नी को क्यों रखा है? वह अवामी लीग की समर्थक है. उसे नौकरी पर नहीं रखा जा सकता. उसे हटा दो.”
पहले आंदोलन अब कट्टरपंथ
पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुए विद्रोह का नेतृत्व एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट ने किया था. बाद में 28 फरवरी को इस प्लेटफॉर्म और नेशनल सिटिजन कमेटी की संयुक्त पहल से एक नई राजनीतिक पार्टी, नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) लॉन्च की गई.
इस प्लेटफॉर्म ने आंदोलन का नाम का इस्तेमाल करके कई नकारात्मक घटनाओं को अंजाम दिया. इस संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष रशीदुल इस्लाम ने प्रथम आलो को बताया, “शहर कमेटी का एक सदस्य जिसका नाम पृथु है, वह केंद्रीय कमेटी के किसी निर्देश के बिना कुछ लड़कों के साथ ग्लोबल टीवी गया. वहां उसने पत्रकार नाजनीन मुन्नी को फासीवाद का सहयोगी बताते हुए उन्हें हटाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा."
साबित करें मेरा अवामी कनेक्शन
नाजनीन मुन्नी ने बताया कि इसके बाद उन लड़कों ने चैनल के MD अहमद हुसैन को एक कागज दिया और उस पर साइन करने को कहा, जिसमें लिखा था कि उसे 48 घंटे के अंदर नौकरी से निकाल दिया जाएगा. MD ने उस डॉक्यूमेंट पर साइन करने से मना कर दिया।
उसने बताया कि लड़के गुस्सा हो गए और उससे कहा, "जो हम चाहेंगे वही होगा. प्रथम आलो और द डेली स्टार भी कुछ नहीं कर पाए. तुम उनके सामने कुछ भी नहीं हो."
नाजनीन मुन्नी ने कहा कि उन्होंने बार बार कहा है कि ये छात्र साबित करें कि उनका अवामी लीग से कोई संबंध है. लेकिन वे एक भी सबूत नहीं दे पाए. नाजनीन मुन्नी ने कहा कि वे धमकियों से ड़रने वाली नहीं हैं.
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