बांग्लादेश के कई शहर हिंसा की चपेट में है. मध्य रात्रि से ही शहरों में आगजनी, लूटपाट और मारपीट हो रही है. दंगाई भारतीय प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहे हैं. चटगांव में भारतीय उच्चायोग पर पत्थरबाजी की गई है. प्रदर्शनकारियों ने यहां भारत विरोधी नारेबाजी की है. आवामी लीग के कार्यकर्ताओं को खुले आम कत्ल करने की धमकी दी जा रही है.
बांग्लादेश के चार शहरों में भारतीय उच्चायोग से वीजा का काम बंद कर दिया गया है. ये शहर हैं ढाका, राजशाही, खुलना और चटगांव. यहां भारतीय उच्चायोग के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई है.
बांग्लादेश में आधी रात को ये प्रदर्शन आंदोलनकारी शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़का है. शरीफ उस्मान हादी 2024 में शेख हसीना के खिलाफ हुए आंदोलन का मुख्य चेहरा था. उस्मान हादी भारत को दुश्मनी की निगाह से देखता था और नई दिल्ली के खिलाफ जहर उगलता रहता था.
उस्मान हादी की क्या है हिस्ट्री
बांग्लादेश में 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में शरीफ उस्मान हादी ढाका-8 से चुनाव लड़ना चाहता था.
हादी को 12 दिसंबर को ढाका के पलटन इलाके में एक बैटरी से चलने वाले ऑटो-रिक्शा में अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा गोली मार दी गई थी. उन्हें पहले ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया और बाद में हालत बिगड़ने पर एवरकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया. पिछले शनिवार को उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट करके सिंगापुर ले जाया गया.
लेकिन उसकी जान नहीं बचाई सकी.
मगर शरीफ उस्मान हादी की मौत में बांग्लादेश के एंटी इंडिया एलिमेंट जबरन भारत को घसीट रहे हैं. गुरुवार को रात 9.40 एक पोस्ट में इंकलाब मंच ने शरीफ उस्मान हादी की मौत की घोषणा करते हुए लिखा, "भारतीय वर्चस्व के खिलाफ संघर्ष में अल्लाह ने महान क्रांतिकारी उस्मान हादी को शहीद के रूप में स्वीकार किया है."
शरीफ उस्मान हादी इंकलाब मंच का प्रवक्ता और इस संगठन के संस्थापक सदस्यों में से एक था. इंकलाब मंच एक दक्षिणपंथी राजनीतिक प्लेटफॉर्म है, जो शेख हसीना विरोधी आंदोलन से उभरा. इस संगठन का रुख घोर रुप से भारत विरोधी है.
वह जुलाई विद्रोह के दौरान चर्चा में हुआ. उसने अवामी लीग पर संवैधानिक बैन लगाने की मांग की. उस्मान हादी ने बांग्लादेश में खुद को भारत के कट्टर आलोचक के तौर पर पेश किया, और अक्सर न सिर्फ अवामी लीग बल्कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी पर भी हमला किया.
कथित ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा बनाकर चर्चा में आया
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हादी ने हाल ही में एक तथाकथित ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा सर्कुलेट किया था जिसमें भारतीय इलाके के कुछ हिस्से शामिल थे. बांग्लादेश के घटनाक्रम पर नजर रखने वाले बताते हैं उसकी तीखी भाषा और टकराव वाले रवैये ने उसे बांग्लादेश में पहचान दिलाई.
उस्मान हादी को गोली किसने मारी?
उस्मान हादी के समर्थन इस शख्स की मौत के बाद लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर इन्होंने शाहबाग में प्रदर्शन की घोषणा की है और मुल्क को ठप कर देने की धमकी दी है.
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इंकलाब मंच ने भारत को बेवजह इस मामले में लाते हुए कहा, "अगर कातिल भारत भाग जाता है, तो उसे भारतीय सरकार से बातचीत करके किसी भी कीमत पर गिरफ्तार करके वापस लाया जाना चाहिए."
बांग्लादेश के मुख्य अखबार में से 'एक द डेली स्टार' के अनुसार इस केस में अबतक रैपिड एक्शन बटालियन, पुलिस और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश ने 20 लोगों को हिरासत में लिया और गिरफ्तार किया है. इनमें से कुछ को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया.
फैसल करीम मसूद है मुख्य आरोपी
उस्मान हादी को गोली मारने वालों में फैसल करीम मसूद नाम का शख्स आरोपी है. पुलिस ने फैसल करीम मसूद के पिता हुमायूं कबीर और मां हासी बेगम, उसकी पत्नी साहेदा परवीन सामिया, सामिया के बड़े भाई वाहिद अहमद शिपु, मसूद की गर्लफ्रेंड मारिया अख्तर, वाहिद अहमद शिपु के दोस्त मोहम्मद फैसल, नुरुज्जमां नोमानी उर्फ उज्ज्वल, फैसल के करीबी साथी मोहम्मद कबीर, सिबियन डिउ, और संजय चिसिम शामिल हैं.
दो अन्य शख्स -हबीबुर रहमान और मिलन - जिन्हें फरार आलमगीर से संपर्क के लिए सावर से हिरासत में लिया गया था, उसे बॉन्ड पर रिहा कर दिया गया.
इस अखबार के अनुसार जांच अधिकारियों ने कोर्ट से कहा है कि उन्हें गोपनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि इस मामले के कई आरोपी भारत भाग गए हैं.
भारत के राजनयिक ठिकाने निशाने पर
उस्मान हादी की मौत के बहाने बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाएं भड़का रहे हैं. ऐसा करने का मकसद आगामी चुनाव में भारत विरोधी माहौल बनाकर वोट बटोरना है.
दक्षिण-पश्चिमी शहर राजशाही में प्रदर्शनकारियों ने एक क्षेत्रीय भारतीय राजनयिक के ऑफिस की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने जुलूस को रोक दिया. सोशल मीडिया पर कई वीडियो में भारतीय सहायक उच्चायोग ऑफिस के पास पत्थरबाजी की घटनाएं दिखीं.
नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के सदस्यों ने हादी की मौत के बाद प्रदर्शनों में हिस्सा लिया और भारत विरोधी नारे लगाए और आरोप लगाया कि हादी के हमलावर हत्या के बाद भारत भाग गए हैं.
विरोध प्रदर्शन के नेताओं ने अंतरिम सरकार से मांग की कि जब तक संदिग्धों को वापस नहीं लौटाया जाता, तब तक भारतीय उच्चायोग को बंद कर दिया जाए. NCP के एक प्रमुख नेता सरजिस आलम ने कहा कि अंतरिम सरकार जब तक भारत हादी भाई के हत्यारों को वापस नहीं लौटाता, बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग बंद रहेगा.
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