बांग्लादेश पुलिस ने दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव के पास हिंदू परिवारों के घर जलाने के मामले में इनाम की घोषणा की गई है. पुलिस का कहना है कि हमलावरों की जानकारी देने वालो को इनाम दिया जाएगा.
चटगांव रेंज के पुलिस प्रमुख अहसान हबीब ने बुधवार रात शहर के बाहरी इलाके राउजान में कतर में काम करने वाले मजदूरों शुख शिल और अनिल शिल के जले हुए घर का दौरा करते हुए इनामी राशि का ऐलान किया. हालांकि उन्होंने इनाम की राशि स्पष्ट नहीं की.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार रात अज्ञात बदमाशों ने हिंदू युवक के घर में आग लगा दी, लेकिन घर के सभी निवासी सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे.परिवार के सदस्यों ने बताया कि तड़के आग लगने पर उनकी नींद खुली, लेकिन शुरुआत में वे बाहर नहीं निकल पाए क्योंकि दरवाजे बाहर से बंद कर दिए गए थे. दो परिवारों के आठ सदस्य टीन की चादरों और बांस की बाड़ काटकर जलते घर से किसी तरह बाहर निकल सके.
बीते एक सप्ताह में इसी इलाके में हिंदू परिवारों के घरों को निशाना बनाकर आगजनी की कई घटनाएं सामने आई हैं. पुलिस ने बताया कि उसने अब तक पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष सुरक्षा टीम गठित की गई है. रिपोर्ट के अनुसार, पांच दिनों के भीतर राउजान के तीन अलग-अलग इलाकों में सात हिंदू परिवारों के घर जलाए गए. राउजान थाने के प्रभारी साजेदुल इस्लाम ने कहा कि पुलिस छापेमारी में अब तक पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य की तलाश में तलाशी अभियान जारी है.
पुलिस ने स्थानीय प्रभावशाली लोगों के साथ बैठक कर अंतर-धार्मिक सौहार्द बनाए रखने और ऐसे घृणित अपराधों के अपराधियों के खिलाफ सामाजिक सतर्कता बढ़ाने पर जोर दिया.
पिछले सप्ताह मध्य मयमनसिंह में 28 साल के हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को कथित तौर पर धर्म का अपमान करने के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था. इस घटना ने पूरे देश में व्यापक विरोध को जन्म दिया. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कहा है कि वह दास के नाबालिग बच्चे, पत्नी और माता-पिता की देखभाल करेगी.
पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के मुताबिक, अब तक इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि सरकार के एक वरिष्ठ सलाहकार ने शोकाकुल परिवार से मुलाक़ात कर सहायता का भरोसा दिलाया.
भीड़ हिंसा और आगज़नी की घटनाओं ने बांग्लादेश में भय का माहौल पैदा कर दिया है, खासकर तब जब इंकलाब मंच के नेता शरीफ उस्मान हादी की ढाका में नकाबपोश हमलावरों द्वारा गोली मारे जाने के छह दिन बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई. उसी शाम, भीड़ ने देश के बड़े प्रसार वाले अख़बार डेली स्टार और प्रथम आलो के दफ्तरों और 1960 के दशक में स्थापित दो प्रमुख सांस्कृतिक संगठनों छायानट और उदिची शिल्पी गोष्ठी के कार्यालयों में भी आग लगा दी.
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