इस्कॉन की गतिविधियों पर नहीं लगेगा बैन, बांग्लादेश हाईकोर्ट का अहम आदेश

बांग्लादेश हाईकोर्ट ने बांग्लादेश में इस्कॉन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए सू मोटो से आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है. यह आदेश तब दिया गया जब कोर्ट को सूचित किया गया था कि संबंधित अधिकारियों ने इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए हैं.

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चिन्मय कृष्ण दास कि गिरफ्तारी को लेकर बांग्लादेश में हो रहा बवाल चिन्मय कृष्ण दास कि गिरफ्तारी को लेकर बांग्लादेश में हो रहा बवाल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST

बांग्लादेश हाईकोर्ट ने बांग्लादेश में इस्कॉन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए सू मोटो से आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है. यह आदेश तब दिया गया जब कोर्ट को सूचित किया गया था कि संबंधित अधिकारियों ने इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए हैं.

दरअसल सोमवार को इस्कॉन से जुड़े चिन्मय दास को देशद्रोह के आरोप में ढाका एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया. उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही बांग्लादेश में तनाव बढ़ गया है. आज की कार्यवाही के दौरान, अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने जस्टिस फराह महबूब और न्यायमूर्ति देबाशीष रॉय चौधरी की पीठ के समक्ष जानकारी प्रस्तुत की, पीठ ने उम्मीद जताई कि सरकार बांग्लादेश के लोगों के जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सतर्क रहेगी.

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कोर्ट ने मांगी जानकारी

 यह टिप्पणी अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल अनीक आर हक और डिप्टी अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असद उद्दीन की एक रिपोर्ट के बाद आई, जिन्होंने अदालत को सूचित किया कि वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या और इस्कॉन की गतिविधियों के संबंध में तीन मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अतिरिक्त, इन मामलों के संबंध में 33 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.

यह भी पढ़ें: बांग्लादेश में बगावत, हिंदुओं पर आफत! इस्कॉन के पुजारी ने बताया पड़ोसी देश में कैसे हैं हालात

कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को निर्देश दिया कि वह इस्कॉन की हालिया गतिविधियों के संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में उसे सूचित करें.

दरअसल, हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा के बीच बुधवार को बांग्लादेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इसमें अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी (इस्कॉन) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी, याचिका में चटगांव और रंगपुर में आगे की अशांति को रोकने के लिए आपातकाल लगाने की भी मांग की गई है, क्योंकि दोनों शहरों में विरोध प्रदर्शन जारी है.

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हाईकोर्ट ने सरकार से स्थिति से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है, जिससे देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो गई है.

चिन्मय कृष्ण दास पर इस्कॉन का बयान

इस्कॉन के चारु चंद्र दास ने आज सुबह ढाका में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि चिन्मय कृष्ण दास इस्कॉन बांग्लादेश के प्रवक्ता नहीं हैं और इसलिए उनकी टिप्पणी पूरी तरह से उनकी निजी है. रविवार को सनातन संस्था चिन्मयदास की जमानत के लिए प्रमुख मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका दाखिल की थी और अब हाईकोर्ट में दाखिल करने की तैयारी है. गौर करने वाली बात ये है कि बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने के लिए राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है.

भड़क गई थी हिंसा

दरअसल, ये हिंसा देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए हिंदू समुदाय के प्रमुख चेहरे चिन्मय दास को जमानत देने से इनकार किए जाने के बाद भड़की है. चिन्मय दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. वह एक रैली में शामिल होने के लिए चटोग्राम जाने रहे थे. मंगलवार को अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर जेल भेजने का आदेश दे दिया. इसके बाद चिन्मय दास के समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया, जिससे उन्हें जेल ले जाने वाली वैन की आवाजाही बाधित हो गई.

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यह भी पढ़ें: बांग्लादेश में फिर कट्टरपंथियों के निशाने पर हिंदू, जान से मारने की धमकी, इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग

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