बांग्लादेश की राजधानी ढाका के बाहरी इलाके अशुलिया में शनिवार सुबह एक और झटका महसूस किया गया. बांग्लादेश मौसम विभाग के अनुसार इसकी तीव्रता 3.3 थी, और यह शुक्रवार को आए 5.7 तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप के बाद आया आफ्टरशॉक था.
सुबह 10:36 बजे आए इस झटके का केंद्र बैपायल में था, जो राजधानी के सिस्मिक सेंटर से करीब 29 किलोमीटर दूर है.
शुक्रवार के को भी भूकंप के तेज झटके आए थे, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में दहशत बनी हुई है. लगातार आ रहे झटकों ने लोगों को घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया है.
विशेषज्ञ लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि बांग्लादेश सक्रिय प्लेट सीमाओं पर स्थित है, इसलिए यहां बड़े भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है.
एक दिन पहले भी आए थे भूकंप के झटके
बांग्लादेश के नर्सिंगदी इलाके में शुक्रवार सुबह करीब 10:38 बजे 5.7 तीव्रता का भूकंप आया. लगभग 26 सेकंड तक धरती हिलती रही और लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए. भूकंप की गहराई करीब 10 किलोमीटर थी, जो इसे और अधिक खतरनाक बनाती है.
ढाका और आसपास के इलाकों में सबसे अधिक तबाही देखने को मिली. कई जगह दीवारें और छतें गिर गईं, खासकर उन निर्माणाधीन और कमजोर इमारतों में जहां सुरक्षा के मानक ठीक से नहीं अपनाए गए थे. हादसे में कम से कम 10 लोगों की मौत हुई, जिनमें एक नवजात बच्चा भी शामिल था. 600 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिनमें कई गंभीर रूप से जख्मी हैं.
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भूकंप के बाद बांग्लादेश की सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां तुरंत राहत कार्य में जुट गईं थी. घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया और मलबा हटाने का काम हुआ.
यह भूकंप न केवल बांग्लादेश की तैयारी की परीक्षा है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि कमजोर इमारतें किसी भी प्राकृतिक आपदा में सबसे ज्यादा खतरा पैदा करती हैं.
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