ऑस्ट्रेलिया की सरकारी इमारतों से क्यों हट रहे हैं चीन के सीसीटीवी कैमरे?

बीते कुछ हफ्तों में अमेरिकी एयरस्पेस में चीन के जासूसी गुब्बारे मिलने से हड़कंप मच गया था, जिसे बाद में अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने मार गिराया. चीन के इन जासूसी गुब्बारों से सतर्क होकर अब ऑस्ट्रेलिया भी चीन में बने सीसीटीवी कैमरों को हटा रहा है. सरकारी इमारतों पर लगे चीन निर्मित कैमरे हटा रहा है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 9:03 PM IST

अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों के एयरस्पेस में चीन के जासूसी गुब्बारों के मंडराने की खबर ने हलचल मचा दी थी. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने अब कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इसके तहत देश की कई सरकारी इमारतों और नेताओं के कार्यालयों पर लगे चीन निर्मित सीसीटीवी कैमरे हटा दिए हैं. 

कुछ दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री ने ऐलान किया था कि उनका विभाग सुरक्षा चिंताओं की वजह से अपनी इमारतों से चीन में बने सीसीटीवी कैमरे हटाने जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया में रक्षा विभाग सहित 250 से अधिक सरकारी इमारतों पर 913 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो चीन में बने हुए थे. 

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ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने बीते हफ्ते एबीसी को बताया था कि उनके मंत्रालय की इमारतों पर लगे इन सभी सीसीटीवी कैमरों को हटाया जाएगा. मार्ल्स ने कहा कि यह एक तरह की समस्या है. हम रक्षा विभाग की सभी सर्विलांस टेक्नोलॉजी का आकलन कर रहे हैं, जहां-जहां चीन में बने कैमरों का पता चलेगा. उन्हें हटाया जाएगा. 

वित्त मंत्रालय ने भी मंगलवार को पुष्टि की कि विभाग परिसर में 65 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. विभाग धीरे-धीरे इन कैमरों को हटा रहा है. कम से कम 40 सीसीटीवी कैमरों को यहां से हटाया जाएगा. इन्हें अप्रैल तक पूरी तरह से बदल दिया जाएगा. विभाग का कहा है कि ये सीसीटीवी कैमरे इंटरनेट से कनेक्टेड नहीं हैं और इन्हें सावधानी के तौर पर हटाया जा रहा है.

विपक्षी सांसद जेम्स पैटरसन ने कहा कि उनकी ऑडिट से पता चला है कि चीन की दो कंपनियों हैंगझू हिक्विजन डिजिटल टेक्नोलॉजी और दाहुआ टेक्नोलॉजी के लगभग 1,000 कैमरे ऑस्ट्रेलिया सरकार की 250 से अधिक सरकारी इमारतों पर लगे हुए हैं.

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बता दें कि ऑस्ट्रेलिया से पहले अमेरिका और ब्रिटेन भी ऐसा कर चुका है. अमेरिका सरकार ने पिछले साल नवंबर में चीनी ब्रांड के कई कैमरों और इंटरफेस पर बैन लगा दिया था. ब्रिटेन की सरकार ने भी नवंबर में ही हिकविजन की ओर से बने सुरक्षा कैमरों पर बैन लगाया था.

ऑस्ट्रेलिया के इस कदम पर चीन का जवाब

ऑस्ट्रेलिया सरकार के इस कदम को चीन ने गलत ठहराते हुए कहा है कि उन्हें चीन की सर्विलांस कैमरा कंपनियों के प्रति निष्पक्ष होना चाहिए. 

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन सरकार बाजार के सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप हमेशा से चीनी कंपनियों को विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करता है. हम ऐसी किसी भी अप्रोच का विरोध करते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के कॉन्सेप्ट को जेनेरेलाइज करता है और जो चीनी कंपनियों को लेकर भेदभावकारी है.

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलिया, चीनी कंपनियों को एक निष्पक्ष और गैर भेदभावकारी माहौल मुहैया कराएगा. साथ ही ऐसे कदम उठाएगा जिससे दोनों पक्षों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग बढ़े.

पिछले हफ्ते अमेरिकी एयरस्पेस में चीन का एक जासूसी गुब्बारा मिलने से हड़कंप मच गया था, जिसे बाद में अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने मार गिराया. लेकिन इस तरह के हथकंड़ों से जासूसी करने के आरोप चीन पर लगते रहे हैं. अब सुरक्षा जोखिमों को भांपते हुए ऑस्ट्रेलिया सरकार ने डिफेंस मिनिस्ट्री की इमारतों पर लगे चीन निर्मित कैमरे हटाने का फैसला किया है. 

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