अमेरिका के टेक्सास में मल्टी-व्हीकल क्रैश में हैदराबाद के रहने वाले दो लोग समेत चार भारतीय की मौत हो गई. ये चारों लोग एक कारपूलिंग ऐप के जरिए आपस में जुड़े थे. सभी शुक्रवार को बेंटनविले जा रहे थे, तभी एसयूवी को तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी. जिससे कार में आग लग गई और उनके शव जल गए. मृतकों की पहचान के लिए डीएनए और फिंगरप्रिंटिंग की जाएगी. वहीं, अन्ना पुलिस और फायर टीम ने घटनास्थल पर कार्रवाई करते हुए ट्रैफिक को दूसरे हाईवे की ओर मोड़ दिया.
कोलिन काउंटी शेरिफ कार्यालय के अनुसार, ये भीषण हादसा शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे व्हाइट स्ट्रीट के पास हुआ. हादसे में मृतकों की पहचान हैदराबाद के आर्यन रघुनाथ ओरमपति, उनके दोस्त फारूक शेख, तेलुगु के रहने वाले लोकेश पलाचरला और तमिलनाडु की रहने वाली दर्शिनी वासुदेवन के रूप में की गई है.
'DNA टेस्ट से होगी मृतकों की पहचान'
स्थानीय अधिकारियों ने कहा, "शवों की पहचान के लिए डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की जाएगी और सैंपल का माता-पिता के डीएनए से मिलान किया जाएगा." अमेरिका में लंबे वीकेंड के कारण मृतकों की पहचान में देरी हुई है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नेशनल हाइवे पर जाम की वजह से ट्रैफिक काफी धीमे चल रहा था. इसी दौरान पीछे की ओर से आ रहे एक ट्रक ने एसयूवी कार को टक्कर मार दी. टक्कर इतनी भीषण थी कि कार में आग लग गई, जिससे कार के अंदर बैठे चार लोग जल गए. शवों के जल जाने के कारण मृतकों की पहचान करना मुश्किल हो गया.
बेंटनविले में रहने वाले आर्यन रघुनाथ ओरमपति डलास में अपने चचेरे भाई से मिलने के बाद घर लौट रहे थे. लोकेश पलाचरला अपनी पत्नी से मिलने के लिए बेंटनविले जा रहे थे. अर्लिंग्टन में टेक्सास विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री स्नातक दर्शिनी वासुदेवन, बेंटनविले में अपने चाचा से मिलने जा रही थीं. इन चारों लोगों के ग्रुप ने कारपूलिंग ऐप का इस्तेमाल कर अपनी जर्नी की योजना बनाई थी. इस ऐप के माध्यम से ही अधिकारियों ने पीड़ितों की पहचान करने में मदद मिली है.
बेटे के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे माता-पिता
परिवार के एक सदस्य ने बताया कि आर्यन के पिता सुभाष चंद्र रेड्डी हैदराबाद के कुकटपल्ली में मैक्स एग्री जेनेटिक प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं. आर्यन ने कोयंबटूर के अमृता विश्व विद्यापीठम से इंजीनियरिंग की है. आर्यन के माता-पिता बीते मई में टेक्सास विश्वविद्यालय डलास में दीक्षांत समारोह में भाग लेने गए थे. दीक्षांत समारोह के बाद आर्यन के माता-पिता ने उनसे भारत वापस आने के लिए कहा गया, लेकिन उसने अपने माता-पिता से कहा कि वह और दो साल के लिए अमेरिका में काम करना चाहता है और फिर वापस लौटेगा. बता दें कि फारूक भी बेंटनविले में रहता था, जबकि दर्शिनी फ्रिस्को टेक्सास में रहती थी.
फारूक शेख के पिता मस्तान वली ने कहा, "पिछले तीन वर्षों से फारूक अपनी एमएस की पढ़ाई के लिए अमेरिका में रह रहा था और हाल ही में उसकी पढ़ाई पूरी हुई थी. उसने वासवी कॉलेज से अपनी इंजीनियरिंग पूरी की है. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी भी अमेरिका में रहती है वह इस स्थिति की देखभाल कर रही है. मस्तान वली एक सेवानिवृत्त निजी कर्मचारी हैं और उनका परिवार BHEL हैदराबाद में रहता है.
विदेश मंत्री से की अपील
दर्शिनी वासुदेवन के माता-पिता जो हादसे से कुछ वक्त पहले तक नियमित रूप से उनके संपर्क में थे, अब भारत के केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से सहायता की अपील कर रहे हैं. उसके पिता ने अपील कर कहा कि हम माता-पिता वास्तव में चिंतित हैं और यह लगभग डेटा है, क्योंकि हमें अपनी बेटी की स्थिति का पता चल गया है.
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