'उसे धक्का दिया... जानवरों की तरह ट्रीट किया', एक्टिविस्ट ने इजरायल पर लगाए ग्रेटा थनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार के आरोप

इजरायल ने गाजा के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहे जहाजी काफिले के 137 लोगों को हिरासत में लिया था. इनमें स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल थीं जिनके साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं. तुर्की एयरपोर्ट पर पहुंचे एक्टिविस्ट्स ने ये आरोप लगाए.

Advertisement
इजरायल ने ग्रेटा थनबर्ग समेत कई एक्टिविस्ट को हिरासत में ले लिया था. (Photo: ITG) इजरायल ने ग्रेटा थनबर्ग समेत कई एक्टिविस्ट को हिरासत में ले लिया था. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • अंकारा,
  • 05 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST

इजरायल ने गाजा के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहे एक जहाजी काफिले (फ्लोटिला) में शामिल 137 लोगों को हिरासत में लेने के बाद निर्वासित कर दिया. ये सभी शनिवार को तुर्की पहुंचे. इनमें से दो एक्टिविस्ट ने दावा किया कि स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के साथ हिरासत के दौरान दुर्व्यवहार किया गया.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने इन नए आरोपों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन इससे पहले उसके विदेश मंत्रालय ने हिरासत में लिए गए लोगों के साथ दुर्व्यवहार की खबरों को 'पूरी तरह झूठ' बताया था.

Advertisement

कई देशों के नागरिक शामिल

तुर्की के विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस्तांबुल एयरपोर्ट पर पहुंचे इन कार्यकर्ताओं में 36 तुर्की नागरिक शामिल थे, इसके अलावा अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, अल्जीरिया, मोरक्को, इटली, कुवैत, लीबिया, मलेशिया, मॉरिटानिया, स्विट्जरलैंड, ट्यूनिशिया और जॉर्डन के नागरिक भी थे.

थनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार का आरोप

मलेशिया की नागरिक हजवानी हेल्मी और अमेरिकी नागरिक विनफील्ड बीवर ने इस्तांबुल एयरपोर्ट पर रॉयटर्स को बताया कि उन्होंने थनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार होते देखा. उन्होंने कहा कि उसे धक्का दिया गया और जबरन इजरायल का झंडा पहनाया गया. हेल्मी (28) ने कहा, 'यह एक भयावह अनुभव था. हमें जानवरों की तरह ट्रीट किया गया. हमें साफ पानी या खाना नहीं दिया गया, दवाइयां और हमारा सामान भी जब्त कर लिया गया.'

बीवर ने कहा कि थनबर्ग के साथ 'बहुत बुरा बर्ताव किया गया' और 'उसे प्रोपेगेंडा के लिए इस्तेमाल किया गया.' उन्होंने बताया कि जब इजराइल के सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गवीर वहां पहुंचे, तब थनबर्ग को जबरदस्ती एक कमरे में धकेल दिया गया.

Advertisement

इटली के विदेश मंत्री ने क्या कहा?

इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने बताया कि इटली के 26 नागरिक टर्किश एयरलाइंस की उड़ान से तुर्की पहुंचे हैं, जबकि 15 अन्य अभी भी इजरायल में हैं और आने वाले दिनों में उन्हें भी निष्कासित किया जाएगा. ताजानी ने एक्स पर लिखा, 'मैंने तेल अवीव स्थित इटली दूतावास को निर्देश दिया है कि हमारे शेष नागरिकों के साथ उनके अधिकारों का सम्मान करते हुए व्यवहार किया जाए.'

जबरन 'फ्री फिलिस्तीन' के नारे लगवाने का आरोप
 
इससे पहले शुक्रवार को इटली के चार सांसदों समेत पहली खेप के लोग रोम लौटे. उनमें से एक सांसद आर्तुरो स्कोट्टो ने कहा, 'हम कानूनी तरीके से काम कर रहे थे, और हमें गाजा पहुंचने से रोकने वाले गैरकानूनी काम कर रहे थे.' एक अन्य सांसद बेनेडेटा स्कुदेरी ने कहा, 'हमें बेरहमी से रोका गया... हमें बंधक बना लिया गया.' 

इजरायल की संस्था Adalah, जो इन एक्टिविस्ट को कानूनी मदद दे रही है, ने कहा कि कुछ हिरासत में लिए गए लोगों को वकीलों, पानी, दवाइयों और शौचालय तक पहुंच से वंचित रखा गया. संस्था के मुताबिक, कुछ लोगों को 'कम से कम पांच घंटे तक हाथ बांधकर घुटनों के बल बैठाया गया,' जब तक उन्होंने 'फ्री फिलिस्तीन' के नारे लगाए.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement