कुत्ते के काटने से गाय की मौत, हेल्थ सेंटर में टीका लगवाने के लिए लग गई भीड़

West Bengal: हृषिकेश एसोसिएशन में गाय का दूध बेचते थे. गांव वाले वहीं से दूध लेते थे. कई लोगों ने वह दूध पिया था. गाय को रेबीज होने की खबर सामने आने के बाद परिवार के 11 सदस्य सबसे पहले डेबरा अस्पताल गए और टीका लगवाया. इसके बाद गांव वाले भी वहां पहुंच गए.

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222 ग्रामीणों को लगाया गया टीका.(Photo:Screengrab) 222 ग्रामीणों को लगाया गया टीका.(Photo:Screengrab)

aajtak.in

  • पश्चिम मेदिनीपुर,
  • 08 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST

West Bengal: पश्चिम मेदिनीपुर के डेबरा स्थित पाशांग गांव में एक गाय की मौत के बाद दहशत फैल गई. ग्रामीणों ने उस गाय के दूध से प्रसाद बनाकर खाया था और जब गाय की मौत रेबीज से होने की बात सामने आई, तो बड़ी संख्या में लोग टीका लगवाने के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए.

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, पिछले गुरुवार को पूर्णिमा पूजा के मौके पर पाशांग गांव के हृषिकेश मैती के घर दही में कच्चा दूध मिलाकर प्रसाद के तौर पर चढ़ाया गया था. घर के सभी लोगों ने वह प्रसाद खाया. अचानक रात में गाय बीमार पड़ गई. हृषिकेश ने एक स्थानीय डॉक्टर को बुलाया.

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शुक्रवार सुबह उन्होंने पूरी बात स्थानीय डेयरी फार्म एसोसिएशन को बताई. वहां से एक पशु चिकित्सक को बुलाया गया. उसने गाय को देखा और कहा कि उसे रेबीज है. यह खबर फैलते ही दहशत फैल गई. इसके बाद शुक्रवार रात को गाय मर गई.

गांववालों का दावा है कि गांव के कई लोगों ने उस गाय का दूध पीया है. उन्होंने उस दूध से रास पूर्णिमा का प्रसाद भी बनाया था. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं मिला है कि रेबीज गाय के दूध से फैल सकता है.  

स्थानीय दुआ ग्राम पंचायत के उपप्रधान गोविंद समाई ने कहा, ''पाशांग गांव में हृषिकेश मैती के घर में एक गाय थी. उसके दूध से प्रसाद बनाया गया और कई लोगों को खिलाया गया. बाद में पता चला कि गाय को कुत्ते ने काटा था.

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इसके बाद गाय मर गई. घटना की खबर सामने आते ही गांव वाले घबरा गए. हर कोई वैक्सीन लगवाने के लिए इकट्ठा हो गया. मैंने स्वास्थ्य विभाग से बात की है. जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं. सभी लोग स्वस्थ हैं.''

जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी सौम्यशंकर सारंगी ने फोन पर बताया, "गांव वाले शनिवार से ही घबराए हुए थे और डेबरा अस्पताल में जमा हो गए थे. उन्हें समझाना मुमकिन नहीं था, इसीलिए स्थानीय पाशांग स्वास्थ्य केंद्र में वैक्सीनेशन का इंतजाम किया गया."

(रिपोर्ट:-शेख शाहजहां अली)

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