पश्चिम बंगाल का शहर मुर्शिदाबाद फिर चर्चा में है. इस बार वक्फ कानून के नाम पर मुर्शिदाबाद में जबरदस्त हिंसा हुई है. प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोकी. पुलिस पर पथराव किया. मुर्शिदाबाद से 10 किमी दूर शमशेरगंज में भी अराजतकता ने झकझोर दिया है. भीड़ ने घरों को निशाना बनाया और तोड़फोड़ की. हिंसा के बाद आजतक एक ऐसे इलाके में पहुंचा, जहां हिंदू घरों को उपद्रवियों ने निशाना बनाया. इन परिवारों ने अपने व्यवसाय और दुकानें खो दी हैं.
भीड़ ने इन घरों पर हमला किया और तोड़फोड़ की. शमशेरगंज पुलिस स्टेशन से करीब 500 मीटर दूर घरों और दुकानों को तहस-नहस कर दिया. पीड़ितों का दावा है कि पुलिस ने उनके कॉल का कोई जवाब नहीं दिया. भीड़ घंटों तक दुकानों और घरों में बवाल करती रही. बाद में पुलिस पहुंची और जायजा लिया. फिलहाल, हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद में भारी तनाव है.
घर का सामान उठा ले गई भीड़
अमर भगत की पत्नी मंजू भगत ने बताया कि भीड़ ने पहले मैन गेट तोड़कर घर में घुसने की कोशिश की. लेकिन जब सफल नहीं हुए तो पीछे का गेट तोड़कर घुस आए. अंदर पहले बाइक को तोड़ दिया. उसके बाद कमरों में तोड़फोड़ की. कुर्सी, गद्दा, टीबी से लेकर घर का महंगा सामान तक उठाकर ले गए. पूरा घर बर्बाद कर दिया. उस समय घर में सिर्फ मां और उनकी दोनों बेटियां थीं.
'कांप रहा था पूरा परिवार...'
मंजू बताती हैं कि हमारा पूरा परिवार कांप रहा था और भगवान-भगवान कर रहे थे. हम जान हथेली पर रखे थे और छत पर जाकर छिपे हुए थे. हम लोग ईश्वर का जाप कर रहे थे और भीड़ के घर से निकलने की प्रार्थना कर रहे थे. उस समय अगर मेरी बेटी के साथ कुछ अनहोनी हो जाती तो क्या करती. घटना के वक्त पति और बेटा भी घर में नहीं थे. वो दुकान में फंसे थे. मौके पर कोई पुलिस नहीं थी. अगर बेटी के साथ कुछ हो जाता तो क्या पुलिस मेरी बेटी की इज्जत वापस देती. जब सब कुछ बर्बाद हो गया, तब पुलिस आई. जबकि चंद मिनट की दूरी पर थाना है.
'पापा दुकान पर थे और भीड़ ने घेर लिया था घर'
बेटी तान्या भगत ने बताया कि हमारे घर को चारों तरफ से घेर लिया गया था. कांच पर पत्थर चलाए जा रहे थे. पापा दुकान पर थे, इसलिए उनकी सुरक्षा को लेकर भी टेंशन हो रही थी. समय रहते हम लोग ऊपर वाले फ्लोर पर पहुंच गए और खुद को सुरक्षित कर लिया. घर छोड़कर भागने का भी ऑप्शन नहीं बचा था. कुछ लोग छत पर पहुंच गए थे. सबसे पहले हमारे कांच तोड़े जा रहे थे. हम लोग चुपचाप देखते रहे. अगर कुछ बोलते तो भीड़ को पता चल जाता और फिर वो कुछ भी कर सकती थी.
भीड़ के हमले में पुलिसकर्मी भी घायल
बताते चलें कि मुर्शिदाबाद हिंसा में 10 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं. पुलिस की गाड़ियां भी फूंकी गईं हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक, जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में मुस्लिम वक्फ कानून का विरोध करने उतरे. इसी बीच पुलिस वैन वहां से गुजर रही थी तो लोगों ने इस वैन पर अपना गुस्सा उतार दिया. जमकर पत्थरबाजी की गई, जिसके चलते पुलिसकर्मी घायल हो गए. इस तरह से मुर्शिदाबाद के सूती क्षेत्र में बवाल में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. हालांकि कुछ प्रदर्शनकारी भी चोटिल हुए हैं. प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाइवे 12 को भी जाम कर दिया था और पुलिस वैन पर पथराव किया. इतना ही नहीं कई वाहनों को आग के हवाले भी कर दिया.
इंद्रजीत कुंडू