पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा प्रभावित क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान एक बीएसएफ जवान की दूसरे बीएसएफ जवान ने गोली मारकर हत्या कर दी. घटना शनिवार देर रात की बताई जा रही है. सूत्रों के अनुसार ड्यूटी के दौरान दोनों के बीच विवाद होने के बाद जवान को उसके साथी ने गोली मार दी. मृतक जवान की पहचान रतन लाल सिंह (38) के रूप में हुई है. आरोपी बीएसएफ जवान एस.के मिश्रा, राजस्थान निवासी को मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज पुलिस थाने ने गिरफ्तार कर लिया है.
119 बटालियन में तैनात था जवान
कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार नागरिकों की सुरक्षा के लिए मुर्शिदाबाद के सभी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बीएसएफ को तैनात किया गया था. बीएसएफ सूत्रों के अनुसार दोनों जवान सीमा सुरक्षा बल की 119 बटालियन में तैनात थे. इसी दौरान शनिवार देर रात दोनों में विवाद हो गया. जिसके बाद एक जवान ने दूसरे को गोली मार दी. जिससे जवान घायल हो गया.
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घायल बीएसएफ जवान को पहले अनूपनगर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत गंभीर होने पर उसे जंगीपुर अनुमंडल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. जंगीपुर अनुमंडल अस्पताल पहुंचने पर बीएसएफ जवान को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. सूत्रों के अनुसार दो जवानों के बीच विवाद के बाद आरोपी बीएसएफ जवान एसके मिश्रा ने अपनी इंसास राइफल से करीब 13 राउंड फायरिंग की.
अंधाधुंध फायरिंग के दौरान उसके साथी जवान रतन लाल को करीब पांच राउंड गोलियां लगीं. सूत्रों के अनुसार पहले तो एसके मिश्रा का पता नहीं चल सका, लेकिन बाद में शमशेरगंज थाने की पुलिस बीएसएफ जवान को बंदूक समेत थाने ले आई और उसे गिरफ्तार कर लिया. बीएसएफ अधिकारियों ने भी घटना की पुष्टि की है और कहा है कि वे जांच में राज्य जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहे हैं, आरोपी को शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया गया है.
BSF जवान के खिलाफ जांच शुरू
जंगीपुर पुलिस जिले के शमशेरगंज पुलिस स्टेशन ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. गिरफ्तार आरोपी को रविवार को जंगीपुर कोर्ट में पेश किया जाएगा. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों के एक बड़े वर्ग द्वारा इन बीएसएफ कर्मियों की जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं क्योंकि मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद ग्रामीण चाहते थे कि उनकी सुरक्षा के लिए उनके गांव में एक स्थायी बीएसएफ कैंप स्थापित किया जाए.
क्योंकि स्थानीय लोग राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं कर सकते. घटना के बाद एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, " अगर वे बीएसएफ कर्मी हमारे गांव में हमारी सुरक्षा के लिए तैनात हैं और अपने ही विवादों के बीच एक-दूसरे पर गोली चलाते हैं तो वे हमारी सुरक्षा कैसे कर सकते हैं?"
राजेश साहा