‘आखिरी सांस तक बंगाल में डिटेंशन कैंप नहीं बनने दूंगी’, NRC नोटिस और सीमा सुरक्षा पर बोलीं CM ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दो दिन के दौरे पर कूच बिहार जिले में पहुंची. यहां उन्होंने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. साथ ही बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उनके रहते हुए बंगाल में कोई भी डिटेंशन कैंप नहीं बनेगा.

Advertisement
कूच बिहार में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीमा पर नाका-चेकिंग को मजबूत करने का निर्देश दिया (File Photo- PTI) कूच बिहार में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीमा पर नाका-चेकिंग को मजबूत करने का निर्देश दिया (File Photo- PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:11 AM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कूच बिहार जिले में पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सीमा जिले में अधिक सक्रिय और प्रोएक्टिव दृष्टिकोण अपनाएं. दो दिन के दौरे पर पहुंचीं मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक समीक्षा बैठक में कहा, "कूच बिहार एक सीमा क्षेत्र है. कानून और व्यवस्था को उचित रूप से बनाए रखना आवश्यक है."

इस दौरान बंगाल सीएम ने लोगों को मिले एनआरसी संबंधित नोटिस और सीमा सुरक्षा के मामले पर जमकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा.

Advertisement

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मुख्यमंत्री ममता ने अधिकारियों से सख्ती के साथ कार्रवाई करने का आग्रह किया और स्पष्ट किया कि यह हिंसा के लिए नहीं, बल्कि सक्रिय निगरानी और सुरक्षा के लिए है. उन्होंने कहा, "अधिकारियों को डरपोक नहीं होना चाहिए. मैं आपसे हिंसा करने के लिए नहीं कह रही, लेकिन आपको प्रोएक्टिव होना होगा." 

मुख्यमंत्री ने सीमा पर नाका-चेकिंग को मजबूत करने का निर्देश दिया और कहा कि सीमा क्षेत्रों में बहुत अधिक आवागमन होता है, इसलिए नाका-चेक सही ढंग से सुनिश्चित किए जाएं.

बिना नाम लिए बीएसएफ को घेरा

सीमा सुरक्षा बल (BSF) या केंद्र सरकार का नाम लिए बिना ममता ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी नागरिकों को गलत तरीके से सीमा पार लौटाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने सोनाली खातून का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें गर्भवती होने के बावजूद बांग्लादेश भेजा गया था और बाद में सुप्रीम कोर्ट की हस्तक्षेप से भारत वापस लाया गया. ममता ने कहा, "हम महिला को वापस लाए, लेकिन उनके चार परिवारजन अभी भी वहां हैं. उनके पास वैध दस्तावेज हैं, फिर भी BSF ने उन्हें जबरन वापस भेज दिया."

Advertisement

बीजेपी पर भी साधा निशाना

मुख्यमंत्री ने बीजेपी और 'डबल इंजन' सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "जो सबसे ज्यादा आलोचना करते हैं, वही स्थिति का फायदा उठाते हैं. बाकी को दोष दिया जाता है." उन्होंने असम सरकार द्वारा राजबंशी समुदाय के लोगों को भेजे गए NRC नोटिस को भी आलोचना का विषय बनाया. ममता ने स्पष्ट किया कि असम सरकार का बंगाल के नागरिकों पर कोई अधिकार नहीं है.

'बंगाली बोलने वालों को बांग्लादेशी का टैग क्यों?'

उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी राज्य से अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए पहले राज्य सरकार से संपर्क करें, ताकि निर्दोष नागरिकों को निशाना न बनाया जाए. मुख्यमंत्री ने भाषाई और जातीय समुदायों के प्रति संवेदनशीलता भी व्यक्त की. उन्होंने कहा, "बंगाली बोलने वाले लोगों को बांग्लादेशी के रूप में टैग करना गलत है. उर्दू बोलने वाले लोग पंजाब, यूपी और बिहार में भी हैं. बंगाल में भी उर्दू बोलने वाले हैं. इसे इतिहास के संदर्भ में देखा जाना चाहिए."

बंगाल में कोई डिटेंशन कैंप नहीं बनने दूंगी: ममता

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुख्यमंत्री ने राजबंशी, कमतापुरी, तपशिलि, जनजाति और नामसूद्र समुदायों के लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा, "मैं अपनी आखिरी सांस तक बंगाल में कोई डिटेंशन कैंप नहीं बनने दूंगी. मैं चाहती हूं कि लोग अपने आत्म-सम्मान के साथ रहें. NRC प्रक्रिया को राजनीतिक लाभ के लिए दो साल के बजाय दो महीने में पूरा करने की कोशिश की जा रही है और एजेंसियों के पक्षपातपूर्ण कार्यवाही के गंभीर परिणाम हो सकते हैं." 

Advertisement

उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement