कोलकाता में भारी बारिश और जलजमाव के बाद करंट लगने से हुई मौतों पर एक वरिष्ठ टीएमसी नेता का विवादित बयान सामने आया है, जिसने एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. 23 सितंबर की सुबह शहर और आसपास के इलाकों में हुई मूसलाधार बारिश में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई. इनमें से नौ मौतें कोलकाता में और दो आसपास के इलाकों में हुईं.
कोलकाता नगर निगम (KMC) में जल निकासी के प्रभारी मेयर-इन-काउंसिल सदस्य तारक सिंह ने कहा कि बाढ़ वाले इलाकों में जाना "खुदकुशी" करने जैसा है. उन्होंने कहा, "जब हम सब जानते हैं कि बाढ़ग्रस्त सड़कों पर जाने से शॉर्ट सर्किट हो सकता है और मौत हो सकती है, अगर कोई फिर भी कदम रखता है, तो यह आत्महत्या के समान है."
उन्होंने मौतों के लिए प्रशासनिक जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इसके लिए नागरिक निकाय को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. सिंह ने कहा, "सीईएससी (CESC) बिजली की आपूर्ति करती है. हम नागरिक बुनियादी ढांचे को बनाए रखते हैं. 144 वार्डों में 50 लाख बिजली के खंभों में से हम कितने की निगरानी कर सकते हैं? लोगों को भी जागरूक होना चाहिए."
यह भी पढ़ें: कोलकाता: बिजली कंपनी ने पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे का ऐलान किया, बारिश में करंट से कई ने गंवाई थी जान
विपक्ष का तीखा हमला
इस बयान पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी. बीजेपी पार्षद सजल घोष ने सिंह के बयान का मजाक उड़ाते हुए कहा, "इस तर्क से तो मेयर फिरहाद हकीम को पहले गिरफ्तार किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्हें घुटनों तक गहरे पानी में छाता लिए चलते देखा गया था. क्या उन्होंने भी आत्महत्या का प्रयास किया था?"
सीपीआई (एम) के नेता सुजन चक्रवर्ती ने इन मौतों को "खुदकुशी नहीं, बल्कि हत्याएं" करार दिया और इसके लिए राज्य सरकार, केएमसी और बिजली कंपनी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, "यह मानव निर्मित आपदा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. प्रशासन की लापरवाही और अक्षमता के कारण कई लोगों की जान गई है."
यह भी पढ़ें: Ground Report: बारिश में करंट की चपेट में आया साइकिल सवार, इकलौते कमाऊ सदस्य की मौत से सदमे में कोलकाता का परिवार
कांग्रेस प्रवक्ता सुमन रायचौधरी ने सिंह की टिप्पणी को "बेशर्म आत्मरक्षा" बताया. उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी को असफलता को सही ठहराने के अलावा कुछ नहीं सिखाया है.पश्चिम बंगाल केवल इसलिए पीड़ित है क्योंकि यह राजनीतिक गिरोह सत्ता में है, और उनके बयान इसे साबित करते हैं."
aajtak.in