पश्चिम बंगाल की राजनीति में इन दिनों एक अजीब और दिलचस्प स्थिति सामने आई है, जिसका कारण है एक जैसी पहचान वाले दो नेता. दोनों का नाम हमायूं कबीर है, लेकिन उनकी लोकेशन और भूमिका एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है. नाम की इस समानता के कारण पिछले दो दिनों में देबरा के TMC विधायक हमायूं कबीर को करीब 200 से ज्यादा गलत फोन कॉल्स और मैसेज मिले, जिनमें लोग उनसे मस्जिद निर्माण के लिए डोनेशन मांग रहे थे.
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब मुर्शिदाबाद के रेजिनगर क्षेत्र में स्थित बेलडांगा में निलंबित TMC विधायक ने बाबरी मस्जिद शैली की मस्जिद बनाने के लिए चंदा देने की अपील की. उन्होंने लोगों से QR कोड के माध्यम से दान भेजने के लिए कहा. लेकिन उनका अंदाज़ा भी नहीं था कि इस अपील का असर इतना बड़ा होगा कि कॉल्स गलती से 200 किलोमीटर दूर देबरा के विधायक तक पहुंचने लगेंगे.
200 से ज्यादा गलत फोन कॉल्स और मैसेज मिले
देबरा विधायक हमायूं कबीर ने बताया कि पिछले कई दिनों से उनका मोबाइल लगातार बज रहा है. उन्हें अनजान नंबरों से फोन आ रहे हैं और सभी का एक ही सवाल है. मस्जिद के लिए दान कैसे भेजें और QR कोड कहां है. उन्होंने कहा कि यह मामला पूरी तरह से पहचान की गड़बड़ी है और लोग गलतफहमी में उन्हें मुर्शिदाबाद वाले हमायूं कबीर समझ रहे हैं.
देबरा विधायक ने बताया कि वह सामान्यत: सभी अनजान कॉल्स उठाते हैं. इसलिए पिछले दो दिनों में उन्होंने करीब 200 कॉल्स का जवाब दिया. इनमें से कई कॉल्स बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मुंबई और यहां तक कि विदेशों से भी आए. वह लगातार लोगों को समझा रहे हैं कि वह मुर्शिदाबाद वाले हमायूं कबीर नहीं हैं, बल्कि देबरा से विधायक हैं.
मुर्शिदाबाद में रखी गई बाबरी मस्जिद की नींव
उन्होंने कहा कि वह नाराज नहीं हैं, लेकिन यह स्थिति थोड़ी असहज जरूर हो गई है. हर कॉल में उन्हें अपनी पहचान बतानी पड़ रही है और लोगों से कहना पड़ रहा है कि वे सही नंबर ढूंढें और सीधे दूसरे हमायूं कबीर से संपर्क करें. इस बीच उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट भी किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि मंदिर और मस्जिद राजनीति का अखाड़ा नहीं, बल्कि इबादत और प्रार्थना का स्थान हैं.
दूसरी ओर, मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में मस्जिद निर्माण के लिए चल रहा दान अभियान तेजी से बढ़ रहा है. वहां शनिवार को 11 बड़े स्टील के डोनेशन बॉक्स लगाए गए. रविवार शाम तक चार बॉक्स और एक बोरी खोली गई, जिसमें केवल नकद दान के रूप में 37.33 लाख रुपये निकले. वहीं QR कोड के माध्यम से 93 लाख रुपये की ऑनलाइन डोनेशन की जानकारी सामने आई है. बाकी सात बॉक्स सोमवार को खोले जाएंगे.
दान की राशि कई करोड़ तक पहुंच सकती है
निलंबित विधायक के सहयोगियों का कहना है कि कुल दान की राशि कई करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. मस्जिद निर्माण के लिए लोग भारी उत्साह दिखा रहे हैं और अलग-अलग राज्यों से लोग लगातार योगदान दे रहे हैं. इन सबके बीच देबरा के TMC विधायक के पास आ रही गलत कॉल्स ने इस पूरी घटना में एक हास्यास्पद मोड़ जोड़ दिया है. जहां एक हमायूं कबीर मस्जिद निर्माण के लिए बड़े स्तर पर फंड जुटाने में लगे हैं, वहीं दूसरा हमायूं कबीर लोगों को सिर्फ यह समझाने में व्यस्त हैं कि वे इस अभियान से जुड़े नहीं हैं. यह अनोखी गड़बड़ी पश्चिम बंगाल की राजनीतिक हलचल में एक दिलचस्प अध्याय बन गई है, जिसे लोग अब मजाक और आश्चर्य दोनों के साथ देख रहे हैं.
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