क्या TMC में शामिल होंगे दिलीप घोष? ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद खुद दी सफाई

नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस पूरे प्रकरण पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, “मैं इस विषय पर कुछ नहीं कहना चाहता.” वहीं दिलीप घोष ने आलोचनाओं को हल्के में लेते हुए कहा, “लोग मेरे बारे में बात करते रहते हैं. चाहे वो नकारात्मक ही क्यों न हो, वो भी मेरे लिए प्रचार जैसा ही है.”

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ममता बनर्जी से मुलाकात करते हुए बीजेपी नेता दिलीप घोष ममता बनर्जी से मुलाकात करते हुए बीजेपी नेता दिलीप घोष

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:57 AM IST

पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल होने की अटकलों को सिरे से खारिज किया है.  उन्होंने कहा कि मैंने हाल ही में बनाए गए श्रीजगन्नाथ मंदिर का दौरा सिर्फ इसलिए किया क्योंकि उन्हें आधिकारिक निमंत्रण मिला था और पार्टी ने भी वहां जाने से मना नहीं किया था.

घोष अपनी नवविवाहित पत्नी रिंकू मजूमदार के साथ बुधवार को मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात भी की. इस मुलाकात के वीडियो मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर लाइव स्ट्रीम किए गए. इसके बाद से ही 2026 विधानसभा चुनाव से पहले उनके दल-बदल को लेकर कयास तेज हो गए.

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सफाई में कही ये बात

दिघा समुद्र तट पर सुबह की सैर के दौरान मीडिया से बात करते हुए घोष ने कहा, 'हमारी पार्टी ने हमें इस निमंत्रण को नकारने के लिए नहीं कहा. मुझे बुलाया गया था और मैं आया. मेरे अंदर हिम्मत है कि मैं ऐसा कर सकूं.'

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उन्होंने आगे कहा, “लाखों लोग अयोध्या में राम मंदिर या वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर क्यों जाते हैं? क्या ममता बनर्जी ने अपने नेताओं को कुंभ मेले में जाने से मना नहीं किया था, फिर भी कई गए. क्या उन्होंने कोई अपराध किया? मंदिर किसने बनवाया ये ज़रूरी नहीं है, लोग वहाँ भगवान की पूजा के लिए जाते हैं.”

जब उनसे पूछा गया कि क्या वे TMC में शामिल हो रहे हैं? तो उन्होंने सीधा जवाब दिया, “मैं क्यों जाऊं? मैंने पिछले 10 सालों में पार्टी नहीं बदली, जैसे बाकी लोग चुनाव के वक्त करते हैं. दिलीप घोष को दल बदलने की ज़रूरत नहीं है.”हालांकि, उनके मंदिर दौरे और ममता बनर्जी से भेंट को लेकर भाजपा के भीतर नाराज़गी साफ झलक रही है. 

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बीजेपी नेताओं के बयान

भाजपा नेता स्वपन दासगुप्ता ने सोशल मीडिया पर उनकी मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “भाजपा कार्यकर्ताओं में इस कथित ‘विश्वासघात’ को लेकर जो आक्रोश है, उसे राष्ट्रीय नेतृत्व नजरअंदाज नहीं कर सकता.”

राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी दूरी बनाते हुए कहा, “यह दिलीप घोष का व्यक्तिगत निर्णय है. पार्टी इस दौरे का समर्थन नहीं करती. कई विधायकों को भी बुलाया गया था, लेकिन राज्य में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए किसी ने नहीं जाने का फैसला लिया.”

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नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस पूरे प्रकरण पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, “मैं इस विषय पर कुछ नहीं कहना चाहता.” वहीं दिलीप घोष ने आलोचनाओं को हल्के में लेते हुए कहा, “लोग मेरे बारे में बात करते रहते हैं. चाहे वो नकारात्मक ही क्यों न हो, वो भी मेरे लिए प्रचार जैसा ही है.”
 

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