पश्चिम बंगाल (West Bengal) की कोलकाता पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कई राज्यों में छापेमारी करके एक अखिल भारतीय अंतरराज्यीय कार चोरी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में अब तक कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो फरार थे और जिन्हें कई राज्य पुलिस ने ‘वॉन्टेड’ घोषित किया था. कोलकाता पुलिस का दावा है कि भवानीपुर पुलिस स्टेशन में हरिदेवपुर निवासी राजेश सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 29 मई 2025 को वर्क इंडिया ऐप के ज़रिए अपनी नई कार महिंद्रा स्कॉर्पियो के लिए मोहित कुमार नाम के ड्राइवर को काम पर रखा था. 2 जून 2025 को उन्हें पता चला कि ड्राइवर का नंबर बंद है.
इसके बाद उन्होंने मोबाइल में इंस्टॉल किए गए जीपीएस ऐप के ज़रिए गाड़ी की लोकेशन चेक की और पाया कि गाड़ी की आखिरी लोकेशन आसनसोल में थी. जब उन्हें इस मामले में गड़बड़ी का अहसास हुआ, तो उन्होंने शिकायत दर्ज कराई. कोलकाता के भवानीपुर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 316 (2)/ 61 (2)/ 336 (2)/ 336 (3)/ 338/ 340 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई और जांच शुरू की गई है.
जांच के दौरान मिले कई सुबूत
जांच के दौरान कोलकाता के गार्डेनिया होटल में संदिग्धों के ठहरने की जगह का पता लगाया चला है लेकिन यह पाया गया कि ड्राइवर ने ऑपरेशन के दौरान फर्जी आईडी कार्ड और प्री-एक्टिवेटेड सिम का इस्तेमाल किया था. जांच में एक यूपीआई ट्रांजेक्शन हिस्ट्री मिली, जिसमें उसने एक होटल स्टाफ को भुगतान किया था. बैंक अधिकारियों से एक मोबाइल नंबर लिया गया और निगरानी शुरू की गई. जांच टीम ने सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया.
पता चला कि ड्राइवर के कुछ और साथी भी हैं, जो एक संगठित गिरोह के सदस्य हैं. इसलिए, भवानीपुर थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर बोधिसत्व प्रमाणिक के नेतृत्व में अधिकारियों और कर्मियों की एक स्पेशल टीम बनाई गई और आरोपियों को पकड़ने के लिए आसनसोल, जमशेदपुर और अन्य इलाकों में कई छापे मारे गए.
यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल के बीरभूम में गैंगवार, बम विस्फोट में 2 लोगों की मौत और कई घायल
ऐसे काम करता है गिरोह...
पुलिस सूत्र ने बताया, "मोहित के बयान के आधार पर छापेमारी की गई और ऑपरेशन के मास्टरमाइंड तुषार दत्ता उर्फ बुम्बा उर्फ रितुन निवासी सिधगोड़ा, जमशेदपुर को 16 जून 2026 को बरुईपुर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में उसके एक ठिकाने से गिरफ्तार किया गया. मोहित ने 2 जून 2025 को बुम्बा को कार सौंप दी और अपना कमीशन लिया."
कोलकाता पुलिस के सूत्र का दावा है, "पूछताछ करने पर तुषार उर्फ बुम्बा ने खुलासा किया कि उन्होंने एंटली पीएस के तहत कोलकाता 700014 के पी-3 सीआईटी रोड पर स्थित जी मोटर्स के अविनाश सिंह के जरिए कार को किसी तीसरे पक्ष को बेच दिया. अगले दिन अविनाश को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसने माना कि उसने चोरी की गई कार बिहार के समस्तीपुर के रघुवीर कुमार को बेची थी."
कोलकाता पुलिस के एक टॉप अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया, "हमें पता चला है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी अंतरराज्यीय वाहन चोरी गिरोह के सदस्य हैं और यह ग्रुप दिल्ली, बिहार, छत्तीसगढ़ और देश के अन्य इलाकों में वॉन्टेड है. सभी आरोपी अभी पुलिस हिरासत में हैं. आगे की जांच में चोरी की गई और भी गाड़ियां बरामद हो सकती हैं."
राजेश साहा