मौत के तांडव में मां का बलिदान! बच्चों को जलती बस से फेंका, खुद धुएं में लापता; Yamuna Expressway पर दिल दहला देने वाला मंजर

मथुरा में घने कोहरे के कारण भीषण हादसे में 13 लोगों की जलकर मौत हो गई. बस में फंसी पार्वती (42) ने खिड़की से अपने बच्चों सनी और प्राची को बाहर धकेल कर उनकी जान बचा ली, लेकिन वह खुद लापता है. ननद गुलजारी अब अस्पतालों और शवों के बीच पार्वती को तलाश रही है.

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मथुरा एक्सीडेंट में जलकर खाक हुई यात्री बस (Photo- PTI) मथुरा एक्सीडेंट में जलकर खाक हुई यात्री बस (Photo- PTI)

aajtak.in

  • मथुरा ,
  • 17 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:09 AM IST

उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार तड़के घने कोहरे के बीच भीषण सड़क हादसा हुआ. आगरा से नोएडा जाने वाले रास्ते पर 127वें मील के पत्थर पर आठ बसों और तीन छोटी गाड़ियों के टकराने से 13 लोगों की जलकर मौत हो गई और 43 घायल हुए. हादसे में फंसी पार्वती नाम की महिला ने टूटी खिड़की से अपने दो बच्चों को बाहर धकेल कर बचा लिया, लेकिन वह खुद लापता है, जिससे परिवार में बेचैनी है.
 
अपनों को तलाशती बहन, बोली- "पार्वती ने बच्चों को बाहर धकेल दिया"

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हादसे के बाद लापता पार्वती (42) की तलाश में उसकी ननद गुलजारी अस्पतालों में बेहाल घूम रही है. गुलजारी ने बताया कि एक्सीडेंट के बाद उसकी पार्वती से फोन पर बात हुई थी, जिसने उसे बताया था कि उसने अपने बच्चों- प्राची और सनी- को बस की टूटी खिड़की से बाहर धकेल दिया. अब गुलजारी पोस्टमॉर्टम स्थल पर रखे, जले हुए शवों के बीच अपनी भाभी को ढूंढ रही है. 

DNA टेस्ट से होगी मृतकों की पहचान

पुलिस के मुताबिक, आग लगने से कम से कम 13 लोगों की जलने से मौत हुई. इनमें ज़्यादातर शव इतने जल गए हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल है. इसलिए पुलिस अब पीड़ितों की पहचान के लिए DNA टेस्ट पर निर्भर है. 

एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि शवों के अवशेषों का मिलान उन लोगों के DNA सैंपल से किया जाएगा जो अपने रिश्तेदारों को ढूंढ रहे हैं. अब तक तीन मृतकों की पहचान हो पाई है. जिनके नाम हैं- प्रयागराज के अखिलेंद्र प्रताप यादव (44), महाराजगंज के रामपाल (75) और गोंडा के सुल्तान अहमद (62).

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मुश्किल बचाव कार्य और पुलिस का रिएक्शन टाइम

एसएसपी ने बताया कि पुलिस को सुबह 4:02 बजे कॉल किया गया और पहला पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल (PRV) 4:08 बजे मौके पर पहुंच गया. कोहरे के कारण बचाव दल को बहुत कम या बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रहा था, जिससे बचाव कार्य मुश्किल हो गया. मथुरा के ज़िला मजिस्ट्रेट चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि जिन शवों की पहचान हो गई है, उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है.

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