दिल्ली से सटे गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का खुलासा हुआ है. गाजियाबाद में हर्षवर्धन जैन नाम के शख्स ने एक कोठी में अवैध दूतावास खोल रखा था. आरोपी खुद को West Artica, saborga, Poulvia, Londonia जैसे देशों का एंबेसडर बताता था. नोएडा STF ने कई डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगी लग्जरी गाड़ियां उसकी कोठी से बरामद की हैं.
शातिर आरोपी हर्षवर्धन ने लंदन के 'कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस' से MBA की डिग्री ली. इसके साथ ही उसने गाजियाबाद के ITS कॉलेज से भी MBA किया था. हर्षवर्धन का पारिवारिक बैकग्राउंड काफी प्रभावशाली था. उसके पिता कभी बड़े उद्योगपतियों में गिने जाते थे और राजस्थान में मार्बल की माइंस के मालिक थे. सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन हर्षवर्धन के पिता की मौत के बाद बिजनेस में काफी नुकसान हुआ. इसी दौरान हर्षवर्धन की मुलाकात गाजियाबाद में ही चंद्रास्वामी से हुई.
चंद्रास्वामी ने हर्षवर्धन को लंदन भेजा, जहां हर्षवर्धन ने कई कंपनियां शुरू कीं. जांच एजेंसियों के मुताबिक इन कंपनियों के जरिए चंद्रास्वामी ने ब्लैक मनी छुपाने के लिए हर्षवर्धन से कंपनियां खुलवाई थीं.
कैसे करत था ठगी?
लंदन में हर्षवर्धन की मुलाकात मशहूर आर्म्स डीलर अदनान ख़शोगी से हुई. इसके बाद वह उसके साथ मिलकर काम करने लगा. इसके अलावा दुबई में भी हर्षवर्धन ने कई कंपनियां स्थापित कीं. चंद्रास्वामी की मौत के बाद हर्षवर्धन वापस गाजियाबाद लौट आया, लेकिन अब उसकी आर्थिक हालत खराब हो चुकी थी. पैसे की तंगी से जूझते हुए उसने फर्जी एंबेसी खोल दी और लोगों से ठगी करने लगा.
अरविंद ओझा