उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा सीट से विधायक रहे विनय शंकर तिवारी को जमानत मिल गई है. बीते दिनों उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया था. जमानत के बाद तिवारी पूरे लाव-लश्कर के साथ गृह जिले पहुंचे, रास्ते भर जगह-जगह उनका स्वागत किया गया. उनके पीछे-पीछे दर्जनों गाड़ियों का काफिला था. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि मेरी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित थी.
विनय शंकर तिवारी ने कहा कि ये यूपी की वर्तमान सरकार अहंकार से युक्त है. न्यायालय ने किस तरह से उसका जवाब दिया और वो आप लोगों के सामने हैं. आज प्रदेश में राजनीति हावी है. अधिकांश बड़े आधिकारिक पदों पर जाति विशेष के लोग बैठे हुए हैं. वे जातीय मानसिकता से प्रभावित होकर काम कर रहे हैं. यही वजह है कि लचर कानून है. पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है. ऐसे में सरकार को नैतिक दायित्व के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
तिवारी ने आगे कहा कि राजसत्ता द्वारा संवैधानिक पदों का दुरुपयोग हो रहा है. इसमें कोई शक नहीं है कि इस सरकार में जाति विशेष के लोग हर जगह संवैधानिक पदों पर में बैठे हुए हैं. यही वजह है कि इस सरकार में ब्राह्मण होना अभिशाप हो गया है.
उन्होंने कहा कि बस्ती जिले में दो लोगों की हत्या हुई, पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. रुद्रपुर में घटना हुई उसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई. विवेक तिवारी और घनश्याम तिवारी के साथ घटना हुई उसमें भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, जब घटना दूसरे समाज के साथ हो रही है, तो कार्रवाई हो जा रही है. ये आप और हम सभी लोग देख रहे हैं. 2027 के चुनाव में जनता निश्चित रूप से जवाब देगी. पूरे समाज में अराजकता का माहौल है. जनता तैयार बैठी है. वो बस वक्त का इंतजार कर रही है.
जेल से छूटने के बाद जगह-जगह हुआ स्वागत
गोरखपुर के चिल्लूपार के पूर्व विधायक और सपा के राष्ट्रीय सचिव विनय शंकर तिवारी जमानत पर रिहा होने के बाद बुधवार 4 जून की देर शाम लखनऊ से गोरखपुर पहुंचे. रास्ते में उनका जगह-जगह फूल-मालाओं के साथ स्वागत हुआ. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ये केस पूर्णतया राजनीतिक है. लोकतंत्र में हर घटना राजनीति से प्रभावित होती है. ये उससे कैसे अछूती रह सकती है. ये सरकार अहंकार में डूबी हुई है. राजसत्ता संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है. न्यायालय में उन्हें न्याय मिला और जमानत दी. वे न्यायालय का धन्यवाद देते हैं.
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लखनऊ हाईकोर्ट से 22 मई को जमानत पर रिहा होने के बाद पहली बार काफिले के साथ गोरखपुर पहुंचे विनय शंकर तिवारी जोरदार स्वागत हुआ. उनकी मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तारी हुई थी. 7 अप्रैल को ईडी ने गोरखपुर-लखनऊ समेत 10 ठिकानों पर एक साथ रेड डाली थी. ईडी की गिरफ्तारी के 45 दिन बाद जमानत पर रिहा होने के बाद लाव-लश्कर के साथ गोरखपुर पहुंचे सपा नेता विनय शंकर तिवारी का सपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया. लखनऊ से दर्जनों वाहनों के साथ चला काफिला गोरखपुर की सीमा में प्रवेश किया.
जानिए पूरा मामला
विनय शंकर तिवारी दिवंगत पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे और सपा के राष्ट्रीय सचिव हैं. वो पूर्व में बसपा से विधायक रह चुके हैं. आरोप है कि ईडी की जांच में सामने आया था कि मेसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों, गारंटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लिया था. इस रकम को बाद में उन्होंने अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया और बैंकों की रकम को वापस नहीं किया. इससे बैंकों के कंसोर्टियम को करीब 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की 72.08 करोड़ रुपए की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवंबर 2023 में जब्त कर दिया था. ईडी ने यह कार्रवाई विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम का करीब 1129.44 करोड़ रुपए हड़पने के मामले में की थी. बैंकों की शिकायत पर सीबीआई मुख्यालय ने केस दर्ज किया था, जिसके बाद ईडी ने भी विनय तिवारी समेत कंपनी के समस्त निदेशक, प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी. साल 2023 में राजधानी लखनऊ स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने विनय शंकर तिवारी की गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया. इसमें कृषि योग्य भूमि, व्यावसायिक कांप्लेक्स, आवासीय परिसर, आवासीय भूखंड आदि शामिल हैं.
गजेंद्र त्रिपाठी