बाहुबली की छत्रछाया में वाराणसी का शुभम जायसवाल, ऐसे खड़ा किया कोडीन कफ सिरप सप्लाई का काला साम्राज्य! जानिए पूरी क्राइम कहानी

मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद यूपी में कोडीन मिक्स कफ सिरप सिंडिकेट का खुलासा हुआ है. वाराणसी का दवा व्यापारी शुभम जायसवाल और उसका पिता भोला प्रसाद इसके मास्टरमाइंड हैं. वे फर्जी फर्मों के जरिए गाजियाबाद और वाराणसी से बांग्लादेश व नेपाल तक कफ सिरप सप्लाई करते थे। शुभम पर कई जिलों में FIR दर्ज है और वह फरार है, जिसकी तलाश एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स कर रही है.

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कोडीन युक्त कफ सिरप सप्लाई केस में शुभम जायसवाल की तलाश  (Photo- Screengrab) कोडीन युक्त कफ सिरप सप्लाई केस में शुभम जायसवाल की तलाश (Photo- Screengrab)

संतोष शर्मा

  • वाराणसी ,
  • 24 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST

मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश में शुरू हुई छापेमारी और गिरफ्तारी के बाद अब बड़ा खुलासा हुआ है. फर्जी फर्मों के जरिए वाराणसी का दवा व्यापारी इस पूरे सिंडिकेट का किंगपिन बताया जा रहा है. कोडीन मिक्स कफ सिरप की सप्लाई के सिंडिकेट को शुभम जायसवाल फर्जी फर्मों के जरिए चला रहा था. गाजियाबाद, वाराणसी में गोदाम बनाकर इस कफ सिरप की सप्लाई यूपी से झारखंड, पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश और बिहार से नेपाल तक की जा रही थी. 

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कोडीन मिक्स कफ सिरप के इस जानलेवा धंधे का सबसे बड़ा मास्टरमाइंड वाराणसी का शुभम जायसवाल और उसका पिता भोला प्रसाद पुलिस की जांच में सामने आए हैं. फिलहालल, शुभम जायसवाल पर गाजियाबाद व वाराणसी में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. शुभम फरार है. यूपी पुलिस की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स भी इसकी तलाश कर रही है.

गौरतलब है कि यूपी में कोडीन मिक्स कफ सिरप सप्लाई के मामले में आगरा, लखनऊ, कानपुर जौनपुर में एफआईआर दर्ज हुई है. लेकिन यूपी के तीन जिलों में दर्ज हुई 4 FIR से एक संगठित गिरोह का पता चला है. 

ऐसे सामने आया नेटवर्क 

दरअसल, बीते 18 अक्टूबर को सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज में आबकारी निरीक्षक ने राजस्थान और महाराष्ट्र नंबर के दो कंटेनर पकड़े. कंटेनर में नमकीन और चिप्स के पैकेट की आड़ में कोडिन मिक्स ESKUF cough syrup की 11967 बोतलें झारखंड भेजी जा रही थीं. ट्रक ड्राइवर और मालिक से पूछताछ की गई तो पता चला उन्हें यह कफ सिरप की खेप शुभम जायसवाल की फर्म पर गाजियाबाद के आसिफ और वसीम के जरिए मिली थी. 

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सोनभद्र पुलिस ने इस मामले की जानकारी डीजीपी मुख्यालय को दी. डीजीपी राजीव कृष्ण ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर को नेटवर्क की जांच करने का आदेश दिया. गाजियाबाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की और 15 दिन की पड़ताल के बाद 4 नवंबर को नंदग्राम थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई. 

कुल 17 लोग नामजद किए गए

क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर अनिल कुमार राजपूत की तरफ से दर्ज कराई गई जांच में कुल 17 लोग नामजद किए गए. दर्ज कराई गई एफआईआर में भी शुभम जायसवाल नामजद आरोपी है. एफआईआर में कहा गया कि पुलिस की छापेमारी में 3.5 करोड़ की कोडीन युक्त कफ सिरप की बोतलें बरामद हुई थीं. 

पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि बरामद हुआ माल वाराणसी के शुभम जायसवाल का है. शुभम जायसवाल की जानकारी जुटाई गई तो पूर्वांचल के एक बडे माफिया का करीबी निकला. मामले की जानकारी डीजीपी मुख्यालय को दी गई और गाजियाबाद पुलिस ने एसआईटी गठित कर जांच तेज कर दी. लेकिन एसआईटी की जांच तेज होते ही एफआईआर के नामजद आरोपी आसिफ और शुभम जायसवाल अंडर ग्राऊंड हो गए. 

फर्जी बिलिंग, स्टोरेज, फिर सिरप की सप्लाई 

गाजियाबाद में एफआईआर दर्ज होने के बाद उत्तर प्रदेश ड्रग कंट्रोल विभाग के इंस्पेक्टर ने वाराणसी की कोतवाली में 15 नवंबर को एफआईआर दर्ज करवाई. इस एफआईआर में फर्जी नाम पते पर चल रही कुल 28 लोग नामजद किए गए. वाराणसी में ड्रग्स कंट्रोल और पुलिस विभाग ने जांच में पाया कि झारखंड की शैली ट्रेडर्स के जरिए फर्जी बिलिंग कर कफ सिरप की सप्लाई की जा रही थी. 

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जांच में यह भी पता चला कि 6 फर्म ऐसी हैं जो सिर्फ कागजो में ही चल रही थी. जो फर्म का पता, मालिक का मोबाइल नंबर आदि था, वो सब फर्जी था. इतना ही सही इस शैली ट्रेडर्स के जरिए ना सिर्फ वाराणसी बल्कि प्रयागराज, लखनऊ, कौशांबी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, गाजीपुर, सोनभद्र और भदोही में तक झारखंड की इसी शैली ट्रेडर्स के जरिए करोड़ों की कोडीन मिक्स कफ सिरप सप्लाई हुई है.

रांची की शैली ट्रेडर्स का मालिक शुभम जायसवाल का पिता भोला प्रसाद है. भोला प्रसाद की प्रापरइटरशिप है लेकिन कागजी तौर पर वाराणसी से फर्म के नाम पर सप्लाई लेने,धंधा करने के लिये कंपीटेंट अथारिटी शुभम जायसवाल है. शुभम ने वाराणसी में अपनी फर्म भी खोल रखी है. न्यू वृद्धि फार्मा के नाम से शुभम जायसवाल कोडीन युक्त कफ सिरप की सप्लाई करता है. सबसे बडी बात शुभम ने न्यू वृद्धि फार्मा के ही पते पर ही एक मेडिकल स्टोर भी खोल रखा है, जिसकी बिक्री दिखाकर कफ सिरप की सप्लाई की जाती है.

मामूली मेडिकल सप्लायर से खड़ा किया साम्राज्य 

इस पूरे मामले में जांच से जुड़े एक अफसर की मानें तो कोरोना काल से पहले तक शुभम जायसवाल एक मामूली मेडिकल सप्लायर था. कोरोना काल के दौरान शुभम ने पश्चिमी देशों में नशे के लिये बढती प्रतिबंधित दवाओं की डिमांड को ध्यान में रखते हुए पहले बिहार में कोडीन मिक्स कफ सिरप सप्लाई किया. मुनाफा होने लगा तो शुभम ने धंधा बढाने के लिये पूर्वांचल के एक बाहुबली का हाथ पकड़ा और बाहुबली का छोटा भाई बनकर पूरे प्रदेश में कफ सिरप की फर्जी फर्मों से सप्लाई करने लगा.

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शुभम जायसवाल अपनी फर्म शैली ट्रे़डर्स के नाम पर हिमांचल प्रदेश की एक फैक्ट्री से कोडीन मिक्स कफ सिरप की सप्लाई लेता, फिर इसे हिमांचल से गाजियाबाद में बनाए गोदाम में इकट्ठा करता है. फर्जी फर्मों के कागज तैयार हो जाते तो उनको गाजियाबाद के रास्ते आगरा और फिर लखनऊ, वाराणसी तक सप्लाई करवाता. वाराणसी से खेप सोनभद्र के रास्ते झारखंड जाती और जहां से पश्चिम बंगाल होते हुई बांग्लादेश और झारखंड से बिहार और नेपाल भेजी जाती. बिहार में शराबबंदी के चलते कोडीन कफ सिरप की सर्वाधिक डिमांड रहती है. लिहाजा, शुभम फर्जी फर्मों के नाम तक इसकी सप्लाई वाराणसी से भी बिहार करता है. 

क्या दुबई भाग गया है शुभम जायसवाल?

फिलहाल, कोडीन मिक्स कफ सिरप सप्लाई के शुभम जायसवाल नेटवर्क पर अब तक सोनभद्र, गाजियाबाद, वाराणसी और जौनपुर में 5 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, जिसमें सोनभद्र को छोड़कर बाकी जिलो में दर्ज हुई सभी 4 एफआईआर में शुभम जायसवाल और शैली ट्रेडर्स का मालिक व शुभम जायसवाल का पिता भोला प्रसाद भी नामजद है.

इस मामले में जांच कर रही एसआईटी के एक अफसर का कहना है कि शुभम जायसवाल अपने एक अन्य करीबी आरोपी आसिफ के साथ दुबई भाग गया है. इस मामले में जल्द कुछ अन्य बड़े लोगो की गिरफ्तारी की जाएगी.  

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