उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत का मामला, कफ सिरप बनाने वाली नोएडा की कंपनी का लाइसेंस रद्द

नोएडा स्थित दवा कंपनी मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर उक्त कंपनी का कफ सीरप पीने से बच्चों की मौत हो गई थी जिसके बाद जनवरी में इसका लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था.

Advertisement
प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:24 AM IST

यूपी सरकार ने नोएडा स्थित दवा कंपनी मैरियन बायोटेक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. Marion Biotech Pvt Ltd  कंपनी की खांसी की सिरप Dok-1 को पीने की वजह से उज़्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हो गई थी. पिछले दिसंबर में हुई इस घटना के बाद केंद्रीय और राज्य दवा प्राधिकरणों ने इस मामले की जांच शुरू की थी और जनवरी में कंपनी का लाइसेंस निलंबित कर दिया था. इसके बाद एक विस्तृत जांच शुरू की गई थी, अब उत्तर प्रदेश ड्रग कंट्रोलिंग एंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी द्वारा फर्म का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है.

Advertisement

नमूनों में मिलावट

एक अधिकारी ने बताया कि तीन मार्च को नोएडा पुलिस ने मैरियन बायोटेक के तीन कर्मचारियों को उसके सेक्टर 67 स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया था. उन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उसके दो निदेशकों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था. जांच में पाया गया कि मैरियन बायोटेक की दवाओं के नमूने 'मिलावटी' थे और मानक गुणवत्ता के विपरीत थे. प्राथमिकी के अनुसार, नमूने चंडीगढ़ में सरकार की क्षेत्रीय दवा परीक्षण प्रयोगशाला में भेजे गए थे और उनमें से 22 ' गुणवत्ता मानकों के विपरीत (मिलावटी और नकली) पाए गए थे.

इन धाराओं के तहत दर्ज हुई FIR
मामले में जो प्राथमिकी दर्ज की गई थी, उसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 274 (दवाओं में मिलावट), 275 (मिलावटी दवाओं की बिक्री), 276 (एक अलग दवा या दवा की बिक्री) के साथ-साथ धारा 17 (गलत दवाओं) और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 का उल्लंघन शामिल है. मैरियन बायोटेक की खांसी की दवाई डॉक -1 पिछले साल दिसंबर में जांच के दायरे में आ गई थी. इस दवा को लेकर यह कहा गया कि उज्बेकिस्तान में इसका सेवन करने वाले 18 बच्चों की मौत हो गई थी.

Advertisement

WHO ने कही थी ये बात

जैसे ही उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत के मामले ने तूल पकड़ा तो केंद्र और राज्य दवा अधिकारियों द्वारा कंपनी की साइट का निरीक्षण किया गया. जनवरी में कंपनी का उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया. इससे पहले 9 जनवरी को कंपनी में दवाओं का उत्पादन बंद करा दिया गया था. इसके साथ ही 12 जनवरी को लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया था. जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकार की  टीमें नोएडा स्थित कंपनी पहुंची थी और दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे. कुल 36 नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, इनमें से 22 सैंपल में मिलावट पाई गई है.

12 जनवरी को, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उज्बेकिस्तान में दो 'सबस्टैंडर्ड मेडिकल प्रोडक्ट' (दूषित) उत्पादों का जिक्र करते हुए एक अलर्ट भी जारी किया. जिन दो उत्पादों का WHO ने जिक्र किया गया था उनमें एम्ब्रोनोल सिरप और DOK-1 मैक्स सिरप शामिल था. गौर करने वाली बात ये है कि दोनों उत्पादों की कथित निर्माता मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (उत्तर प्रदेश, भारत) है. निर्माता ने इन प्रोडक्ट की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी नहीं दी है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement