उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में रहने वाले 5 पाकिस्तानी 50 साल से लापता, पहलगाम हमले के बाद सामने आया मामला

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में रजिस्टर्ड पांच पाकिस्तानी नागरिक पिछले 40-50 वर्षों से लापता हैं. इनमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं. प्रशासन व खुफिया इकाइयों की वर्षों की जांच के बावजूद अब तक इनका कोई सुराग नहीं मिला. यह मामला हाल ही में फिर से सामने आया है, जब केंद्र सरकार ने पाक नागरिकों के वीजा रद्द किए.

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अमृतसर: पाकिस्तानी नागरिक अपने देश में प्रवेश करने के लिए अटारी-वाघा सीमा की ओर बढ़ते हुए. अमृतसर: पाकिस्तानी नागरिक अपने देश में प्रवेश करने के लिए अटारी-वाघा सीमा की ओर बढ़ते हुए.

aajtak.in

  • फर्रुखाबाद,
  • 04 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:23 AM IST

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में रजिस्टर्ड पांच पाकिस्तानी नागरिक पिछले करीब 50 वर्षों से लापता हैं. हाल ही में पहलगाम (कश्मीर) में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान और उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया तेज हो गई है. इसी क्रम में यह पुराना मामला फिर से सामने आया है.

फर्रुखाबाद के जिलाधिकारी अशुतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि 'पांच पाकिस्तानी नागरिक पिछले चार-पांच दशकों से जिले में लापता हैं. इस बारे में राज्य और केंद्र सरकार को पहले ही सूचित किया जा चुका है.'

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1970 से 1980 के बीच फर्रुखाबाद आए थे
सूत्रों के मुताबिक, ये पांचों लोग 1970 से 1980 के बीच फर्रुखाबाद जिले में आए थे और यहीं रजिस्टर्ड हुए थे. इनकी पहचान इस तरह है. खातून बेगम और अब्दुल साजिश (अटईपुर जदीद गांव), फिरोजा और बब्बन खान (मोहल्ला गढ़ी), और मुख्तार जहां (बजारिया). इनमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं.

30 साल से खोज रहा प्रशासन
प्रशासन इनकी तलाश बीते 30 वर्षों से कर रहा है, लेकिन कोई ठोस जानकारी या सुराग नहीं मिल पाया. पुराने दस्तावेजों को खंगालने और इनके आखिरी ठिकानों पर पूछताछ के बावजूद इनका कोई अता-पता नहीं चल पाया है.

स्थानीय खुफिया इकाई ने भी अब यह निष्कर्ष निकाल लिया है कि फिलहाल जिले में कोई भी पाकिस्तानी नागरिक निवास नहीं कर रहा है. यह मामला हालिया वेरिफिकेशन ड्राइव के दौरान फिर से सामने आया, जो केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों की वीजा रद्द करने की घोषणा के बाद शुरू की गई.

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उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. इसके बाद केंद्र सरकार ने 27 अप्रैल से पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने का फैसला लिया.

पाकिस्तानी लड़की से शादी की बात छिपाई, CRPF ने जवान को नौकरी से निकाला
उधर, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने सुरक्षा मानकों के गंभीर उल्लंघन के मामले में 41वीं बटालियन के जवान सीटी/जीडी मुनीर अहमद को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है. मुनीर अहमद पर आरोप है कि उन्होंने एक पाकिस्तानी युवती से वीडियो कॉल के जरिए निकाह किया और उसकी वीज़ा वैधता समाप्त हो जाने के बाद भी उसे भारत में छुपाकर रखा. उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी विभाग से छिपाई, जिसे सुरक्षा के लिहाज़ से बड़ा खतरा माना गया.

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