यूपी: निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग के कर्मचारी लामबंद, धरना-प्रदर्शन जारी, ऊर्जा मंत्री ने दी चेतावनी

निजीकरण के विरोध में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने आज पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में धरना प्रदर्शन किया. हालांकि, आज से बिजली विभाग कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर जाने वाले थे लेकिन फिलहाल इन कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार नहीं किया है.

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बिजली विभाग के कर्मचारियों का प्रदर्शन बिजली विभाग के कर्मचारियों का प्रदर्शन

उदय गुप्ता

  • चंदौली ,
  • 29 मई 2025,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

उत्तर प्रदेश में विद्युत विभाग के निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग के कर्मचारी लामबंद हो गए हैं. निजीकरण के विरोध में इन कर्मचारियों ने आज पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में धरना प्रदर्शन किया. हालांकि, आज से बिजली विभाग कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर जाने वाले थे लेकिन फिलहाल इन कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार नहीं किया है. निजीकरण के खिलाफ सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन जरूर किया है. 

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चंदौली जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में जिले में कार्यरत सैकड़ों की तादाद में बिजली विभाग के कर्मचारी इकट्ठा हुए और धरने पर बैठ कर अपना विरोध प्रदर्शन किया. बिजली विभाग के कर्मचारियों का यह धरना प्रदर्शन शाम 5:00 बजे तक चला. इस दौरान वहां मौजूद सैकड़ों बिजली विभाग के कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई और निजीकरण को रोका नहीं गया तो संगठन के प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर इस आंदोलन को और बड़ा स्वरूप दिया जाएगा.

निरंजन कुमार पटेल (जिला सचिव राज्य विद्युत कर्मचारी परिषद संघ, चंदौली ) ने कहा कि हम लोगों की मांग है कि विभाग का निजीकरण ना हो. जैसा कि पहले से निर्धारित था कि आज 29 तारीख से कार्य बहिष्कार करना है. लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर हम लोग कार्य बहिष्कार नहीं कर रहे हैं. हम लोग सुचारु रूप से अपना काम कर रहे हैं. आज सांकेतिक रूप से पूरे दिन का धरना प्रदर्शन है. उसके बाद हम लोग अपने-अपने काम पर चले जाएंगे. जैसा भी नेतृत्व का निर्देश होगा उस हिसाब से हम लोग हड़ताल और कार्य बहिष्कार का कार्य करेंगे. हम लोग पूरी तरह से तैयार हैं. हमारी मांग यही है कि निजीकरण बंद करें, यह निजीकरण किसी भी तरह से लोगों के लिए ठीक नहीं है. किसानों के लिए तो और दिक्कत है क्योंकि किसान जो फ्री में बिजली पा रहे हैं या जो गांव के लोग 3:50 रुपया यूनिट बिजली पा रहे हैं, निजीकरण से यह काफी महंगा हो जाएगा. आम जनमानस को बहुत दिक्कत होगी.

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ऊर्जा मंत्री ने कही ये बात 

इन सबके बीच बीते दिन उत्तर प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने साफ कहा कि बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया अब नहीं रुकेगी. जो भी कर्मचारी इसके विरोध में हड़ताल में शामिल होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने दावा किया कि इससे प्रदेश की बिजली व्यवस्था बेहतर और पारदर्शी होगी. 

बिजली कर्मचारियों के विरोध पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि सरकार पूरी तरह से तैयार है कि जनता को कोई तकलीफ न हो. मैं बिजली कर्मियों से कहना चाहता हूं कि गर्मी के दिनों में बिजली की मांग बढ़ जाती है. घरों में बीमार बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं हैं. ऐसे समय में किसी भी कारण से बिजली की आपूर्ति में व्यवधान नहीं डालना चाहिए, उनको अपना फर्ज और कर्तव्य पूरा करना चाहिए. ताकि लोगों को समस्या न हो. 

उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया को रोका नहीं जाएगा. सरकार इसे लेकर किसी भी तरह के हालात से निपटने को तैयार है. पावर बैकअप से लेकर अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी तैयार हैं. 

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