उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष बनने के बाद से केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. ब्राह्मण विधायकों की गोलबंदी पर पंकज चौधरी ने सख्त तेवर अपनाया तो अखिलेश यादव के 'पीडीए फॉर्मूले' को कठघरे में खड़े करने में जुटे हैं. रविवार को गाजियाबाद में उन्होंने ऐसा बयान दे दिया, जिसे लेकर खुद ही सवालों के घेरे में आ गए हैं.
पंकज चौधरी ने कहा कि बीजेपी ने जो प्रदेश अध्यक्ष पद दिया है, वह पद अखिलेश यादव और इंडिया ब्लॉक के लोग अपने कार्यकर्ताओं को नहीं दे सकते हैं. इंडिया ब्लॉक में चाहे अखिलेश यादव हों, ममता बनर्जी की टीएमसी हो, आरजेडी हो या कांग्रेस जैसी कई पार्टियों का प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए उनके कार्यकर्ता को उनके परिवारों में पुनर्जन्म लेना पड़ेगा.
यूपी बीजेपी अध्यक्ष पंकज चौधरी ने विपक्षी दलों पर जो परिवारवाद का आरोप लगाया है, उसमें क्या वकायी दम है? सपा से लेकर कांग्रेस और आरजेडी ही नहीं बल्कि बसपा में कौन प्रदेश अध्यक्ष है और क्या उन्हें अपने माता-पिता से विरासत में सियासत मिली है?
पंकज चौधरी ने विपक्ष को परिवारवादी दल बताया
पंकज चौधरी ने कहा कि बीजेपी में कार्यकर्ता ही संगठन की रीढ़ है और यहां सामान्य कार्यकर्ता भी शीर्ष पद तक पहुंच सकता है, लेकिन इंडिया ब्लॉक में ऐसा नहीं है. उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा, मैं खुद को आज भी बीजेपी का एक कार्यकर्ता मानता हूं. पार्टी ने मुझे सांसद बनाया और आज प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी. यह भाजपा की कार्यकर्ता आधारित राजनीति का प्रमाण है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों में नेतृत्व कुछ चुनिंदा परिवारों तक सीमित है. आम कार्यकर्ता चाहे कितना भी संघर्ष कर ले, उसे संगठन में आगे बढ़ने का अवसर नहीं मिलता. यही कारण है कि इन दलों में लोकतांत्रिक परंपराएं कमजोर होती जा रही हैं.
पंकज चौधरी के परिवारवादी बयान में कितना दम है?
पंकज चौधरी ने विपक्ष पर परिवारवाद वाले बयान को लेकर जो निशाना साधा, उसे लेकर खुद ही निशाने पर आ गए. पकंज चौधरी ने जिन दलों के नाम लिए हैं, उन सभी राजनीतिक दलों के प्रदेश अध्यक्ष किसी परिवारवाद से निकले हुए नेता नहीं है. मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर श्यामलाल पाल हैं, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल है, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय हैं.
बिहार में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल हैं तो यूपी में संगठन की कमान अशोक सिंह संभाल रहे हैं. पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी के टीएमसी का प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी हैं और यूपी में पार्टी का अध्यक्ष फिलहाल कोई नहीं है. हालांकि, यूपी में संयोजक के तौर पर राजेशपति त्रिपाठी हैं और चेहरा ललितेश पति त्रिपाठी हैं.
टीएमसी के यूपी संयोजक को छोड़ दे तो मौजूदा समय में इंडिया ब्लॉक के किसी भी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष परिवारवाद से नहीं है. सपा से लेकर बसपा, कांग्रेस और आरजेडी तक में प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पार्टी के आम कार्यकर्ताओं विराजमान हैं. ऐसे में पंकज चौधरी विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं.
सपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल कौन हैं?
सपा का प्रदेश अध्यक्ष मौजूदा समय में श्याम लाल पाल है. अखिलेश यादव ने 2024 के लोकसभा चुनाव के बीच में नरेश उत्तम पटेल की जगह पर श्याम लाल पाल को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था. श्याम लाल पाल एक साधारण परिवार से आते हैं. सपा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल प्रयागराज के प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के मोहिउद्दीनपुर गांव के मूल निवासी हैं. इनके पिता का नाम स्वर्गीय जवाहरलाल पाल है, जो पेशे से किसान थे.
श्याम लाल पाल राजनीति में आने से पहले प्रयागराज के एक इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल थे. श्याम लाल पाल ने अपने सियासी करियर की शुरुआत 'अपना दल' से की थी और विधानसभा चुनाव भी लड़े थे. इसके बाद 2007 में सपा में शामिल हो गए. सपा के प्रदेश सचिव रहे और उसके बाद प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए. 2024 में प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई. सपा का गठन जब से हुआ है, उसके बाद से जो भी अध्यक्ष बने हैं, उसमें शिवपाल और अखिलेश को छोड़कर सभी मुलायम परिवार से बाहर के थे.
बसपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल कौन हैं?
उत्तर प्रदेश में बसपा की कमान विश्वनाथ पाल के पास है. बसपा प्रमुख मायावती ने दिसंबर 2022 में भीम राजभर की जगह पर विश्वनाथ पाल को अध्यक्ष नियुक्त किया. विश्वनाथ पाल का जन्म एक साधारण परिवार में 20 दिसंबर 1973 को अयोध्या जिले के अनंतपुर गांव में हुई. उनके पिता का नाम परमेश्वर दीन पाल और माता का नाम कल्पा देवी पाल है, जो किसान और चरवाह थे.
विश्वनाथ पाल बसपा के एक पुराने और समर्पित 'कैडर' कार्यकर्ता माने जाते हैं. उन्होंने 90 के दशक में बसपा की विचारधारा से प्रभावित होकर राजनीति में प्रवेश किया. प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले वे पार्टी के सेक्टर अध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष (अयोध्या), कोषाध्यक्ष और अयोध्या मंडल के सचिव जैसे पदों पर रहे. इस तरह विश्वनाथ पाल का ताल्लुक किसी राजनीतिक परिवार से नहीं रहा.
कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कौन हैं?
अजय राय उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष हैं. अजय राय का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले का रहने वाला है, लेकिन बाद में वे वाराणसी में बस गए थे. अजय राय का जन्म ऐसे परिवार में हुआ था, जो खेती और किसानी करता. उनके पिता का नाम सुरेंद्र राय था. अजय राय के भाई अवधेश राय जरूर रेलवे और कोयले के बड़े ठेकेदार थे, जिनकी 1991 में हत्या कर दी गई थी.
अजय अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आरएसएस की छात्र शाखा एबीवीपी से की थी. उनके राजनीतिक और शुरुआती पारिवारिक जीवन में उनके बड़े भाई अवधेश राय का बड़ा प्रभाव था. अजय राय 1996 में विधायक बने और पांच बार चुनाव जीते. साल 2009 में सपा में शामिल हो गए, लेकिन 2012 में कांग्रेस के विधायक चुने गए. इसके बाद से अजय राय कांग्रेस में है और पिछले तीन लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से लड़े. अगस्त 2023 से उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं.
विपक्षी दलों के निशाने पर आए पंकज चौधरी
सपा के प्रवक्ता मनोज काका ने पंकज चौधरी का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष या तो विवेकहीनता के शिकार हैं या फिर बीजेपी के आईटी सेल के वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से जो आ रहा है, वही पढ़ रहे हैं. वे कह रहे कि इंडिया गठबंधन के सपा, आरजेडी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शीर्ष नेतृत्व के परिवार से हैं. जबकि सच ये नहीं है.
मनोज काका ने कहा कि सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल हैं, वे पिछड़ी जाति से आते हैं. ऐसे ही आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल हैं, वे अति पिछड़ी जाति आते हैं और कांग्रेस से अजय राय हैं, वो बनारस से हैं . इन सभी नेताओं का कोई ताल्लुक राजनीतिक परिवार से नहीं है.
कुबूल अहमद