यूपी ATS ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले अंतरराज्यीय नेटवर्क का किया भंडाफोड़, 8 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने अंतरराज्यीय फर्जी आधार कार्ड नेटवर्क का खुलासा किया. गैंग ने रोहिंग्या, बांग्लादेशी और नेपाली नागरिकों को फर्जी आधार कार्ड बनाकर दिया. गिरफ्तारियों में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और दिल्ली एनसीआर से जुड़े लोग शामिल हैं. फर्जी आधार कार्ड से सरकारी योजनाओं और दस्तावेजों का दुरुपयोग किया जा रहा था.

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एटीएस ने अंतरराज्यीय फर्जी आधार कार्ड नेटवर्क का किया खुलासा (Photo: Santosh Sharmar/ITG) एटीएस ने अंतरराज्यीय फर्जी आधार कार्ड नेटवर्क का किया खुलासा (Photo: Santosh Sharmar/ITG)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ ,
  • 22 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST

उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने एक बड़े फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले नेटवर्क का खुलासा किया है, जो ना सिर्फ यूपी बल्कि बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और दिल्ली एनसीआर तक फैला हुआ था। यह गैंग रोहिंग्या, बांग्लादेशी और नेपाली नागरिकों को फर्जी आधार कार्ड बनाकर दे रहा था।

जांच में पता चला कि इस नेटवर्क के लोग जन सुविधा केंद्र के सुरक्षा सिस्टम को बायपास कर ऐप के जरिए फर्जी आधार कार्ड बनाते थे। एक कार्ड बनाने के लिए 2,000 से 40,000 रुपये वसूले जाते थे। फर्जी आधार कार्ड से अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाने और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने का मामला सामने आया है।

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एटीएस ने आजमगढ़, गोरखपुर, सहारनपुर, मऊ, औरैया, कोलकाता, मुर्शिदाबाद, लखीसराय, कटिहार, राजस्थान और दिल्ली एनसीआर के लोगों को गिरफ्तार किया है। अब तक इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जांच जारी है।

करीब डेढ़ साल पहले रायबरेली के सरेनी ब्लॉक में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। तब 50,000 से अधिक फर्जी आधार कार्ड का नेटवर्क पकड़ा गया और 18 लोग गिरफ्तार हुए। यह गैंग जन सुविधा केंद्र के ऑपरेटर और ग्राम सचिव की मिलीभगत से काम कर रहा था।

एटीएस का कहना है कि फर्जी आधार कार्ड से राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और बैंक अकाउंट जैसे दस्तावेज बनाए जा रहे थे। दोनों गैंग के काम करने के तरीकों में मामूली अंतर था लेकिन उद्देश्य एक ही था।

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