बदायूं में कुत्ते के चाटने से बच्चे की मौत! रेबीज संक्रमण फैलने के डर से गांव में दहशत, CMO ने कही ये बात

कुछ दिनों पहले एक आवारा कुत्ते ने बच्चे के खुले घाव को चाट लिया था. इसके बाद बच्चे को रेबीज के लक्षण दिखने लगे, और समय पर इलाज न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई. 

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कुत्ते के घाव चाटने से बच्चे की मौत (Photo: AI-generated) कुत्ते के घाव चाटने से बच्चे की मौत (Photo: AI-generated)

aajtak.in

  • बदायूं ,
  • 21 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:55 AM IST

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां रेबीज संक्रमण फैलने से एक मासूम की मौत हो गई. कुत्ते द्वारा घाव चाटने के कुछ दिनों बाद 2 साल के अदनान की जान चली गई. घटना के बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई है. बच्चे की मौत की खबर फैलते ही मृतक के परिजन और गांव के करीब दो दर्जन लोग एहतियातन रेबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल पहुंच गए. 

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लापरवाही बनी बच्चे की मौत की वजह

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बदायूं के सहसवान तहसील क्षेत्र के सुजातगंज बेला गांव में अदनान की मौत हो गई. बताया गया कि कुछ दिनों पहले एक आवारा कुत्ते ने अदनान के खुले घाव को चाट लिया था. इसके बाद उसको रेबीज के लक्षण दिखने लगे, और समय पर इलाज न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई. 

इस घटना को लेकर सीएमओ बदायूं, डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. उन्होंने कहा, "उन्हें इस मामले में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए थी. उन्हें अस्पताल जाकर एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए थी."

क्या है रेबीज और कैसे करें बचाव?

सीएमओ डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने रेबीज के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक खतरनाक वायरस है जो कुत्ते, लोमड़ी, बंदर या बिल्ली जैसे जानवरों के काटने से फैल सकता है. अगर किसी व्यक्ति के घाव पर संक्रमित जानवर की लार लग जाए, तो वह रेबीज से संक्रमित हो सकता है.  

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डॉ. मिश्रा ने जोर देकर कहा कि लोगों को ऐसी घटनाओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि बदायूं के जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी-रेबीज वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है. "इलाज से बेहतर बचाव है," इस बात पर जोर देते हुए उन्होंने लोगों को तुरंत वैक्सीन लगवाने और डॉक्टर से सलाह लेने की सलाह दी. सीएमओ ने यह भी कहा कि किसी भी तरह की भ्रांतियों में पड़ने के बजाय, समय पर चिकित्सा सहायता लेना सबसे महत्वपूर्ण है. 

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