कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी (Munna Bajrangi) हत्याकांड में सीबीआई (CBI) की चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. सीबीआई ने चार्जशीट में मुन्ना बजरंगी हत्याकांड को प्री प्लांड मर्डर बताया है. सीबीआई के मुताबिक, मुन्ना बजरंगी की हत्या के लिए बागपत जेल में एक ही बोर की 4 पिस्टल लाई गई थी, जिसमें से तीन पिस्टल से मुन्ना पर गोली चलाई गई थी.
CBI की चार्जशीट की मानें तो मौके से बरामद कारतूस के 10 खोखों की एफएसएल रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मुन्ना बजरंगी के शरीर पर गोलियों की सात एंट्री और छह एग्जिट निशान मिले थे. जबकि, एक गोली शरीर में ही थी. सभी की सभी गोलियां बेहद नजदीक से मारी गई थी. जांच एजेंसियों को गुमराह करने के लिए चौथी पिस्टल को जेल के सेप्टिक टैंक में फेंक दिया गया था.
जेल में 4 पिस्टल, 3 से की गई फायरिंग
बताया गया कि बागपत जेल के अंदर एक पिस्टल से 5, दूसरी पिस्टल से 3 और तीसरी पिस्टल से 2 गोलियां चलाई गई थी. इस दौरान मुन्ना बजरंगी को एक गोली 1 मीटर से भी कम दूरी से मारी गई थी. वहीं, 4 गोली 1 मीटर से अधिक दूरी से मारी गई थी और एक गोली 10 सेंटीमीटर की दूरी से मारी गई थी. जबकि, एक गोली मुन्ना बजरंगी को छूते हुए निकल गई थी.
सुनील राठी है मुन्ना बजरंगी हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त
सीबीआई ने CFSL दिल्ली के साथ मौके का मुआयना किया था. सबूत इकट्ठे करने के बाद रिपोर्ट सबमिट की गई. चार्जशीट में दावा किया गया कि पूर्वांचल के माफिया मुन्ना बजरंगी को मारने में 4 असलहे (7.62 एमएम बोर) बैरक में ही थे. तीन असलहों से गोली मारी गई थी, जबकि चौथे को घटना के बाद माफिया सुनील राठी ने फेंक दिया था. राठी ही मुन्ना बजरंगी मर्डर केस में मुख्य अभियुक्त है.
हत्यारोपी सुनील राठी की निशानदेही पर जेल के बाहर नाले में फेंकी गई जो पिस्टल बरामद हुई थी उससे फायरिंग नहीं हुई थी. गुमराह करने के लिए चौथी पिस्टल को सुनील लाठी ने आला कत्ल बताया था. हत्याकांड के वक्त सुनील राठी के साथ प्रविंद्र राठी, अरविंद राठी, ओमवीर राठी और बबलू तोमर उर्फ नंबरदार भी तन्हाई बैरक में मौजूद थे.
सीबीआई ने अपनी जांच में सुनील राठी को हत्यारोपी तो बताया लेकिन हत्या की वजह को सीबीआई अपनी जांच में सामने नहीं ला पाई. मालूम हो कि बीते 30 दिसंबर 2023 को गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने चार्जसीट का संज्ञान लेकर सीबीआई को गहराई से जांच कर हत्या की वजह तलाशने के लिए जांच के आदेश दिए थे.
9 जुलाई 2018 को हुई थी मुन्ना बजरंगी की हत्या
बता दें कि मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में 9 जुलाई 2018 को गोली मारकर हत्या हुई थी. उसकी हत्या का आरोप पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुनील राठी पर लगा था. इसको लेकर उसपर मुकदमा चल रहा है. इस हत्याकांड में कई लोगों के शामिल होने का आरोप लगता रहा लेकिन ये आखिर तक पहेली बनकर ही रह गया कि मुन्ना बजरंगी को मारने के लिए सुनील राठी को किसने ऑर्डर दिया था.
फिलहाल, CBI की चार्जशीट में आगरा की फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री और सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री की जांच रिपोर्ट और मौके से बरामद 10 खोखों की जांच के आधार पर दावा किया गया कि मुन्ना बजरंगी की हत्या के लिए बागपत जेल में एक ही बोर की 4 पिस्टल लाई गई थी, जिसमें से तीन पिस्टल से मुन्ना बजरंगी पर गोली चलाई गई थी. हालांकि, कोर्ट ने चार्जशीट को अधूरा मानते हुए संज्ञान लेने के बाद लौटा दिया है. साथ ही जल्द जांच पूरी करने का आदेश दिया है.
संतोष शर्मा