मुजफ्फरनगर में 'PDA चौपाल' रुकवाने पर बवाल, सपा नेता राजकुमार भाटी की पुलिस से तीखी नोकझोंक, वीडियो वायरल

मुजफ्फरनगर के ककरौली गांव में सपा नेता राजकुमार भाटी की 'PDA चौपाल' को पुलिस ने बिना अनुमति के बताकर रुकवा दिया. इस पर भाटी और ककरौली SHO के बीच फोन पर तीखी नोकझोंक हुई, जिसका वीडियो वायरल है. भाटी ने SHO को कानून का पाठ पढ़ाया. वहीं, एसएसपी ने चौपाल रोके जाने की पुष्टि की.

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पुलिस और सपा नेता राजकुमार भाटी में बहस (Photo- Screengrab) पुलिस और सपा नेता राजकुमार भाटी में बहस (Photo- Screengrab)

संदीप सैनी

  • मुजफ्फरनगर ,
  • 31 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में समाजवादी पार्टी (सपा) की 'PDA चौपाल' को पुलिस ने बिना अनुमति के बताते हुए रुकवा दिया. चौपाल रुकवाने पर सपा नेता राजकुमार भाटी और ककरौली थाने के SHO के बीच फोन पर तीखी नोकझोंक हुई. भाटी ने खुद को वकालत की पढ़ाई का हवाला देते हुए पुलिस को संविधान का पाठ पढ़ा डाला, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 

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दरअसल, सपा नेता राजकुमार भाटी मुजफ्फरनगर जनपद के ककरौली गांव में गुरुवार को आयोजित PDA की चौपाल में पहुंचे थे. कार्यक्रम में सपा कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जुटी थी. लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस ने बिना अनुमति के कार्यक्रम आयोजित करने की बात कहते हुए चौपाल को रुकवा दिया. इस घटना के बाद सपा नेता भाटी ने फोन पर ककरौली थाने के एसएचओ से बात की और उन्हें कानून की बारीकियां समझाईं. वहीं, एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने चौपाल रुकवाने की पुष्टि की, लेकिन कैमरे पर बोलने से इनकार कर दिया. 

चौपाल रोके जाने पर सपा नेता राजकुमार भाटी ने मीडिया से बात करते हुए पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "जहां भी हम पीडीए चौपाल करने के लिए जाते हैं, वहां पुलिस डिस्टर्ब करती है, जो हमारी समझ से बाहर है." भाटी ने तर्क दिया कि बाउंड्री के अंदर की गई मीटिंग के लिए परमिशन की कोई जरूरत नहीं होती. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र पुलिस से परमिशन लेकर नहीं चलता है. 

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राजकुमार भाटी ने कहा कि भारत के संविधान में बोलने की आजादी, सभा-सम्मेलन करने की आजादी, और सरकार की आलोचना करने की आजादी मौलिक अधिकार हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी सरकार इन आजादियों पर पाबंदी लगा देना चाहती है और संविधान के खिलाफ चल रही है. भाटी ने पुलिस के व्यवहार को खराब बताते हुए इसे "पूरी तरह तानाशाही" करार दिया. सपा नेता ने यहां तक कह दिया कि यह स्थिति 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी से भी बुरे हालात हैं.

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