उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारी और सामाजिक अन्याय के खिलाफ आम आदमी पार्टी की “रोज़गार दो–सामाजिक न्याय दो” पदयात्रा लगातार बड़ी होती जा रही है. शुक्रवार को यात्रा के तीसरे दिन अयोध्या के बीकापुर से शुरू होकर खजुरहट से होते हुए यह सुल्तानपुर के कूरेभार पहुंची. पूरे रास्ते भर युवाओं, वकीलों, महिलाओं और बुजुर्गों ने उत्साह के साथ इस पदयात्रा का स्वागत किया. जगह-जगह फूल बरसाए गए और लोग रोजगार और न्याय की मांग करते हुए काफिले से जुड़ते गए.
सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह यात्रा दलितों, पिछड़ों, वंचितों और गरीबों को उनका हक दिलाने की लड़ाई का मंच है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यूपी में बेरोज़गारी चरम पर है और सरकारी विभागों में लाखों पद खाली होने के बावजूद युवाओं को अवसर नहीं मिल रहा. भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और चयन प्रक्रिया में धांधलियां लगातार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं.
संजय सिंह ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस और अन्य विभागों में खाली पड़े हजारों पदों का हवाला देते हुए सरकार की नीयत पर गंभीर सवाल उठाए.
उन्होंने कहा कि जब तक हर युवा को काम और हर नागरिक को बराबरी का अवसर नहीं मिलेगा, तब तक असली रामराज्य की कल्पना अधूरी है. दलितों और पिछड़ों पर हो रहे भेदभाव, अत्याचार और पुलिस थानों में होने वाली पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का मुद्दा भी पदयात्रा में बार-बार उठा. संजय सिंह ने कहा कि लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब समाज के आखिरी व्यक्ति तक न्याय पहुंचे.
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पंजाब के तरनतारन उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत से कार्यकर्ताओं का जोश भी इस पदयात्रा में दिखा. संजय सिंह ने कहा कि यह जीत जनता की उम्मीद, विकास और ईमानदारी की राजनीति के भरोसे की जीत है.
उन्होंने विश्वास जताया कि यूपी में भी रोजगार और सामाजिक न्याय की लड़ाई को जनता का मजबूत समर्थन मिलेगा. यात्रा में आम आदमी पार्टी के नेता सभाजीत सिंह, मनोज मिश्रा और स्थानीय कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए और जगह-जगह स्वागत कार्यक्रम आयोजित किए.
यह पदयात्रा अब केवल राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि युवाओं, मजदूरों और पिछड़े वर्गों की उम्मीद और हक़ की लड़ाई बनती जा रही है.
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