'असली आतंकी को पहचानो...', पहलगाम हमले पर पोस्ट कर घिर गई लखनऊ की महिला प्रोफेसर

लखनऊ यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी का वीडियो पाकिस्तान में काफी वायरल हो रहा है. प्रोफेसर ने अपने वीडियों में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार पर तंज कसा है.

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लखनऊ यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी लखनऊ यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी

aajtak.in

  • लखनऊ ,
  • 28 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 11:41 AM IST

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. जगह-जगह पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. उधर, भारतीय सेना भी अलर्ट मोड पर है. इन सबके बीच लखनऊ यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी का वीडियो पाकिस्तान में काफी वायरल हो रहा है और वहां ये वीडियो सुर्खियों में बना हुआ है. आइए जानते हैं इसकी वजह... 

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दरअसल, प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी ने अपने वीडियों में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने वीडियो में बोला है कि 'धर्म पूछकर गोली मारना आतंकवाद है... और धर्म पूछकर लिंच करना, नौकरी से निकालना, घर न देना, या घर पर बुलडोजर चलाना भी आतंकवाद है. असली आतंकी को पहचानो.'

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फिलहाल, प्रोफेसर की इस पोस्ट को पाकिस्तान में हाथों हाथ लिया गया है और उनका ये बयान तेजी से वहां वायरल हो रहा है. पाकिस्तान के कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके पोस्ट को शेयर किया जा रहा है. ऐसे में उनके बयान को लेकर भारतीय सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. 

प्रोफेसर काकोटी वीडियो में कहती हुई नजर आ रही हैं- 'कश्मीर के पहलगाम में 27 लोग मारे गए. इनमें आप जैसे, मुझ जैसे दिखने वाले आम हिंदुस्तानी थे. 27 लोगों की जान चली गई, और मीडिया वाले टीआरपी बटोरने में लगे रहे. जिम्मेदारों से कोई वाजिब सवाल नहीं पूछा गया. इंटरनल सिक्योरिटी में इतनी बड़ी चूक हो गई, और होम मिनिस्टर को पता तक नहीं चला.' 

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कौन हैं प्रोफेसर माद्री काकोटी?

प्रोफेसर माद्री काकोटी सोशल मीडिया पर डॉ मेडुसा के नाम से फेमस हैं. वह अपने व्यंग लहजे में सरकारों की अक्सर आलोचना करती हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, माद्री काकोटी असम की रहने वाली हैं. हालांकि, अब उनके बयान से यूनिवर्सिटी के छात्रों में आक्रोश है. उन्होंने वीसी से एक्शन लेने की मांग की है. लेकिन अभी तक लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से इस प्रकरण पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

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रिपोर्ट- अंकित मिश्रा

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