सुल्तानपुर के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर खड़ी कार के अंदर से कपल के रोमांस और प्राइवेट पलों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने का आरोप ATMS (एंटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) में तैनात रहे असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष पर लगा है. आरोप है कि उसने CCTV फुटेज से कपल की निजता भंग की, उनका वीडियो रिकॉर्ड किया, बाद में ब्लैकमेल किया और 32 हजार रुपये वसूले. अब इस पूरे मामले में आशुतोष अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बिल्कुल अलग कहानी सुनाई है.
आशुतोष ने बताया कि वायरल वीडियो जिस दिन का है, उस दिन मैं वहां ड्यूटी पर था ही नहीं. मेरे विभाग के दो-तीन साथी थे, उन्हीं के द्वारा यह वीडियो वायरल किया गया और पूरा दोष मुझ पर डाल दिया. मुझे हटाने की कवायद पहले से चल रही थी, यह पूरा खेल उसी का हिस्सा है. आशुतोष का सीधा आरोप है कि यहां की लोकल लॉबी नहीं चाहती कि मैं यहां रहूं. वही लोग पूरे मामले को मोड़कर मुझे ही कटघरे में कर रहे हैं.
न पैसे लिए, न कोई धमकी दी
आशुतोष से जब पूछा गया कि आखिर पीड़ित परिवार ने शिकायत क्यों की, तो उसन सफाई देते हुए कहा कि पीड़ित परिवार का साफ कहना है कि न हमने पैसे लिए और न किसी तरह की कोई धमकी दी. उनका कोई आपत्ति नहीं है. शिकायत करने वाले वही स्थानीय लड़के हैं जो लंबे समय से मुझे हटाने की कोशिश कर रहे थे. उसका कहना है कि यह पूरा मामला पीड़ित कपल के नाम से आगे बढ़ाया गया, लेकिन पृष्ठभूमि में वह लोग थे जिनके हित उनके बने रहने से प्रभावित होते थे. स्थानीय महिलाओं के वीडियो बनाने के आरोप पर आशुतोष का कहना है कि एक दिन सुबह पांच बजे के करीब एक लड़के से गलती हो गई. जब मैं दस बजे आया तो मैंने वही फुटेज देखा और उसी समय उसे चेतावनी देकर कार्रवाई की. लेकिन उसी एक घटना को ऐसे दिखाया जा रहा है जैसे मैं रोज ऐसा करता था. ऐसा बिल्कुल नहीं है.
किसी भी खड़ी गाड़ी को ज़ूम करके देखना हमारी ड्यूटी है
कपल के रोमांस वाले वीडियो के ज़ूम फुटेज पर आशुतोष का कहना है कि यह प्रक्रिया ATMS की मानक प्रणाली का हिस्सा है. अगर कोई गाड़ी पूर्वांचल पर कहीं भी खड़ी मिलती है तो उसे ज़ूम करके देखा जाता है कि कहीं कोई दिक्कत, खराबी या मेडिकल इमरजेंसी तो नहीं. ज़ूमिंग हमारी ड्यूटी का हिस्सा है, न कि किसी की प्राइवेसी में झांकने का तरीका.
ढाई साल से यहां नौकरी कर रहा हूं, मेरी छवि बिल्कुल साफ रही है
आशुतोष खुद को बेदाग छवि वाला कर्मचारी बताते हुए कहा कि मैं कोलकाता का रहने वाला हूं. ग्रेजुएशन-पोस्ट ग्रेजुएशन वहीं किया है. ढाई साल से यहीं नौकरी कर रहा हूं और आज तक मेरे खिलाफ कोई शिकायत नहीं हुई. इस बार भी सब साजिश के तहत हुआ है. वह दावा करते हैं कि उन्होंने पूरे मामले से जुड़े ठोस सबूत सौंप देंगे.
FIR, टर्मिनेशन और पुलिस पूछताछ
हलियापुर थाने के उपनिरीक्षक मोहम्मद रफ़्फ़ान ने आशुतोष पर FIR दर्ज कराई है. उन्हें BNS (2023) की धारा 308(2) के तहत आरोपी बनाया गया है, ATMS का संचालन करने वाली कंपनी ने भी मामले में कार्रवाई दिखाते हुए आशुतोष को टर्मिनेट कर दिया, लेकिन यहां भी दिलचस्प मोड़ सामने आया. जांच में पता चला कि कंपनी ने बैकडेट में टर्मिनेशन दिखाया, यानी दस्तावेज़ों में तारीख 30 नवंबर दर्ज की गई, जबकि पीड़ितों ने शिकायत 2 दिसंबर को की थी.
पूरा मामला कैसे सामने आया?
08 दिसंबर को एक शिकायती पत्र और उससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ. पत्र में दावा किया गया था कि नवविवाहित पति-पत्नी टोल प्लाजा से पहले कार रोककर बैठे थे ATMS के स्टाफ ने CCTV से उनकी गतिविधि रिकॉर्ड की. आरोप है कि असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष ने कपल को रोककर वीडियो दिखाया 32 हजार रुपये लेकर मामला रफा-दफा कियाऔर बाद में वीडियो वायरल कर दिया गया. पत्र वायरल होते ही कई और लोग सामने आए और इसी तरह के आरोप लगाए.
पीड़ितों ने CMO, DM और SP को दिया शिकायती पत्र
पांच-छह लोगों ने मिलकर एक सामूहिक शिकायत भेजी, जिसमें आशुतोष पर आरोप था कि एक्सप्रेसवे पर लगे कैमरों से महिलाओं पर नज़र रखता था. निजी पलों के वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करता था. एक्सप्रेसवे के नीचे वाली सर्विस लेन में कैमरे से गाँवों की गतिविधियां भी देखता था.
नितिन श्रीवास्तव