'मुझसे बड़ा कोई बदमाश नहीं, मैं हिस्ट्रीशीटर रहा हूं यहां का ...'  ये क्या बोल गए बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले

अकबरपुर से बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे खुद को कानपुर देहात का सबसे बड़ा बदमाश और हिस्ट्रीशीटर कहते दिखे. हालांकि तत्काल बाद उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित भी बताया. कहा कि जिस सरकार ने मुकदमे दर्ज कराए थे, उसी ने खत्म भी कराए. उनका यह बयान दिशा समिति की बैठक में यूपी में मंत्री प्रतिमा शुक्ला के पति व पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी से तीखी बहस के दौरान आया.

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बीेजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले (Photo ITG) बीेजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले (Photo ITG)

तनुज अवस्थी / सिमर चावला

  • कानपुर ,
  • 05 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:39 PM IST

यूपी की राजनीति में बयानबाजी का दौर नया नहीं, लेकिन इस बार मामला सत्तारूढ़ बीजेपी के सांसद के बयान से गरमा गया है. अकबरपुर से बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे खुद को कानपुर देहात का सबसे बड़ा बदमाश और हिस्ट्रीशीटर बताते नजर आ रहे हैं. यह बयान किसी आम मंच का नहीं, बल्कि जिले की दिशा समिति की आधिकारिक बैठक के दौरान हुआ, जहां सांसद और पूर्व सांसद आमने-सामने भिड़ गए.

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दरअसल, बैठक के दौरान बीजेपी के पूर्व सांसद व मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति अनिल शुक्ला वारसी और सांसद भोले के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. वारसी ने सांसद भोले पर समिति का दुरुपयोग करने और अपने चहेतों को इसमें शामिल कराने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, भोले अपने लोगों को समिति में जबरन घुसाकर आम जनता को अपमानित कर रहे हैं, झूठे मुकदमे लिखवा रहे हैं और फैक्ट्री मालिकों से वसूली कर रहे हैं. उन्हें इलाज की जरूरत है, वे तो यहां के गुंडों के चेयरमैन हैं.

जवाबी वार में बहुत कुछ बोल गए सांसद

वारसी के इन आरोपों के बाद माहौल गर्मा गया. सांसद भोले ने जवाबी वार में कहा कि पूर्व सांसद हर चुनाव से पहले माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं और अफसरों को दबाव में लाने की राजनीति करते हैं. बहस इतनी बढ़ी कि स्थिति हाथापाई तक पहुंच गई. इसी बीच, मीडिया से बात करते हुए भोले ने बयान दे दिया कि मुझसे बड़ा गुंडा कोई नहीं है… मैं कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं. उन्होंने कहा कि यह वही केस हैं जो पिछली सरकारों ने राजनीतिक रंजिश में दर्ज कराए थे, और बाद में उसी सरकार ने उन्हें समाप्त भी किया. भोले का कहना है कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा जनता की सेवा की है, और जिन लोगों को उनके जनसंपर्क से दिक्कत है, वही अब पुरानी बातें उछालकर साजिश कर रहे हैं. मैंने कोई गलत काम नहीं किया. जनता मेरे कामों की गवाह है. जो मुकदमे हुए थे, वे राजनीति से प्रेरित थे. आज भी जो लोग मेरी छवि खराब करने में लगे हैं, वे वही पुराने चेहरे हैं जिनकी राजनीति जनता ने पहले ही नकार दी है.

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अधिकारियों को संभालनी पड़ी स्थिति

बैठक में माहौल जब बेकाबू हुआ, तो मौके पर मौजूद पुलिस अधीक्षक और अपर एसपी ने हस्तक्षेप कर स्थिति को शांत कराया. झगड़े के चलते विकास कार्यों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक बीच में ही रद्द करनी पड़ी. 

पुराना है वर्चस्व का टकराव

यह पहली बार नहीं है जब भोले और वारसी के बीच टकराव सामने आया हो. दोनों नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई पिछले कई वर्षों से चल रही है. पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी, राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति हैं, जो पहले भी बीजेपी में सक्रिय रही हैं. कुछ महीने पहले ही मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने भी जिले में दुर्व्यवहार और अनदेखी के विरोध में धरना दिया था. उस समय भी चर्चा थी कि यह धरना सांसद भोले के खिलाफ अप्रत्यक्ष नाराज़गी का संकेत था.

भोले सिंह को औकात दिखा देते

जुलाई में भी वारसी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था, अगर पार्टी ने मेरी पत्नी को मंत्री नहीं बनाया होता, तो मैं खुद 2024 में चुनाव लड़ता और भोले सिंह को उनकी औकात दिखा देता. उनके आदमी थाने चलाते हैं, वसूली करते हैं और जिले में विवाद फैलाते हैं. इसके अलावा, एक अन्य वीडियो में वारसी को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से बात करते हुए देखा गया था, जिसमें वे कह रहे थे कि आप लोगों को ब्राह्मणों की रक्षा के लिए बनाया गया है, लेकिन आप कुछ नहीं कर रहे. डिप्टी सीएम ने बात पूरी सुने बिना ही फोन काट दिया था.

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