उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में हंगामा मच गया. दरअसल, यहां बीजेपी मेयर सुषमा खारवाल और नगर आयुक्त आईएएस गौरव कुमार के बीच तीखी बहस हो गई. बैठक में दोनों के बीच अधिकारों और निर्णय लेने की प्रक्रिया को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि मेयर ने कार्यकारिणी की बैठक को बीच में ही भंग कर दिया.
यह बैठक 24 अक्टूबर को नगर निगम मुख्यालय में हुई थी, जिसमें निगम के कई सभासद भी मौजूद थे. मेयर ने बैठक के दौरान नगर आयुक्त के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि कई मुद्दों पर अधिकारी पारदर्शिता नहीं बरत रहे हैं. उन्होंने भरे सदन में नगर आयुक्त पर जमकर नाराजगी जताई और कहा कि निगम की कई योजनाएं अटकी पड़ी हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो रही.
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मेयर खारवाल ने आरोप लगाया कि मृतक आश्रितों को अब तक नौकरी नहीं दी गई है, जबकि इसके लिए कई बार निर्देश जारी किए जा चुके हैं. इसके अलावा, शहर के कई इलाकों में सड़कों के पैच वर्क और मरम्मत कार्य लंबित हैं, जिस पर नगर आयुक्त ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इसी बात पर मेयर का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों को फटकार लगाई.
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इस दौरान कुछ सभासद भी मेयर और आयुक्त के समर्थन व विरोध में बोलने लगे, जिससे बैठक का माहौल और गर्म हो गया. मेयर सुषमा खारवाल ने कहा कि जनता के हित से जुड़े मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जबकि नगर आयुक्त ने अपनी सफाई में कहा कि सभी कार्य प्रक्रिया में हैं और विभाग पूरी गंभीरता से काम कर रहा है.
बैठक के दौरान हुए पूरे विवाद का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें मेयर और नगर आयुक्त के बीच की बहस साफ सुनी जा सकती है. बीजेपी शासित नगर निगम में मेयर और प्रशासनिक अधिकारी के बीच इस टकराव ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है.
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