श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस: सर्वे की मांग वाली याचिका पर इलाहाबाद HC में आज सुनवाई

आज की सुनवाई शाही ईदगाह परिसर का अमीन सर्वे (जमीन के सर्वे का प्रकार) कराने की मांग वाली याचिका पर होगी. आज कृष्णजन्मभूमि में स्थित भगवान केशव देव के विग्रह को खंडित करके आगरा की जामा मस्जिद में लगाए जाने के आरोपों को लेकर दाखिल याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

पंकज श्रीवास्तव

  • प्रयागराज,
  • 12 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में बेहद अहम सुनवाई होनी है. सुनवाई 
जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में दोपहर 2 बजे से होगी. 

दरअसल, आज की सुनवाई शाही ईदगाह परिसर का अमीन सर्वे (जमीन के सर्वे का प्रकार) कराने की मांग वाली याचिका पर होगी. आज कृष्णजन्मभूमि में स्थित भगवान केशव देव के विग्रह को खंडित करके आगरा की जामा मस्जिद में लगाए जाने के आरोपों को लेकर दाखिल याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी.

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इन दोनों याचिकाओं के अलावा कथित समझौते के तहत शाही ईदगाह कमेटी को दी गई ढाई एकड़ जमीन वापस मंदिर ट्रस्ट को सौंपने की मांग वाली याचिका पर भी आज ही सुनवाई होनी है. बता दें कि हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल कुल 18 वाद पर हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई चल रही है.

क्या होता है अमीन सर्वे?

जिस अमीन सर्वे की मांग को लेकर लगाई गई याचिका पर आज कोर्ट में सुनवाई होनी है, असल में वह जमीन से जुड़े सर्वे की एक विशेष विधि है. इसमें कई तरह की जांच की जाती है, जैसे जमीन की प्रकृति के बारे में पता करना, जमीन की सतह के बारे में पता लगाना और जमीन की सीमा रेखा को सही तरीके से मापना शामिल है. 

क्यों ली जाती है अमीन की मदद?

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अमीन सर्वे के लिए दूरी तय करने और प्लानिंग में विशेषज्ञता की आवश्यक्ता होती है. सरकार की तरफ से जमीन को मापने के लिए अमीन की मदद ली जाती है. इसके अलावा लोग निजी तौर पर जमीन मापने के लिए भी अमीन बुलाते हैं. बंटवारे के दौरान अमीन का काफी अहम रोल होता है. किसी भी जमीन के नक्शे के आधार पर अमीन उसकी सही लोकेशन बता देता है. 

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