महराजगंज: कोर्ट ने माना क्रूरता से जलाकर उखाड़े गए थे रामगोपाल के नाखून, आरोपी सरफराज को सुनाई फांसी की सजा

बहराइच के महराजगंज कस्बे में 2024 की सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड पर कोर्ट ने बड़ा निर्णय दिया. अदालत ने माना कि उनके पैरों के नाखून जलाकर उखाड़े गए थे. मुख्य आरोपी सरफराज उर्फ रिंकू को फांसी और उसके पिता व दो भाइयों समेत नौ लोगों को उम्रकैद की सजा मिली है. फैसला 13 माह 26 दिन में आया.

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आरोपी सरफराज उर्फ रिंकू को फांसी की सजा (Photo: Representational) आरोपी सरफराज उर्फ रिंकू को फांसी की सजा (Photo: Representational)

राम बरन चौधरी

  • महराजगंज ,
  • 12 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:18 PM IST

बहराइच के महराजगंज कस्बे में 2024 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के चर्चित रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड में अदालत का बड़ा फैसला सामने आया है. महीनों से चल रही चर्चाओं और सवालों के बीच कोर्ट ने उस क्रूरता को सच मान लिया, जिसके बारे में शुरू से परिवार और स्थानीय लोग दावा कर रहे थे.

अदालत ने अपने आदेश में साफ लिखा कि मृतक रामगोपाल मिश्रा के पैरों के दोनों नाखून इतनी बेदर्दी से जलाए गए कि वे उंगलियों से बाहर आ गए. यानी जिस यातना की चर्चा पूरे क्षेत्र में थी, वह केवल अफवाह नहीं बल्कि सच्चाई थी.

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रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड में अदालत का बड़ा फैसला

यह वही बात है जिसे घटना के समय तत्कालीन एसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी ने भ्रामक बताया था. पुलिस ने तब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि नाखून निकालने जैसी कोई बात नहीं है और हत्या केवल गोली लगने से हुई है. लेकिन अब अदालत ने सभी सबूतों का विश्लेषण करने के बाद इस क्रूरता को अपने निर्णय में स्वीकार कर लिया.

कोर्ट ने मुख्य आरोपी सरफराज उर्फ रिंकू को रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर नृशंस हत्या करने का दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई है. वहीं उसके पिता अब्दुल हमीद और उसके दो भाइयों तालिब उर्फ सबलू और फहीम समेत कुल 10 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है.

मुख्य आरोपी सरफराज उर्फ रिंकू को मौत की सजा

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अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि यह पूरा मामला सिर्फ 13 माह 26 दिन में फैसला होने तक पहुंच गया. उन्होंने कहा कि अदालत ने इसे अत्यंत नृशंस और योजनाबद्ध हत्या माना है. निर्णय के बाद पीड़ित परिवार को राहत मिली है और लंबे समय से उठ रहे संदेहों पर भी अदालत की मुहर लग गई है.

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