माफिया अतीक अहमद के करीबियों के ठिकानों पर 2 दिन पूर्व छापेमारी की गई थी. इस दौरान अतीक अहमद की लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक फैली 100 से अधिक बेनामी संपत्तियों के बारे में पता चला. इन संपत्तियों को ईडी ने जब्त कर लिया है. बताया जा रहा है कि साल 2012 से 2017 के बीच माफिया अतीक अहमद ने कई बेशकीमती संपत्तियों को खड़ा किया.
जानकारी के अनुसार, प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद के करीबी वकील खान, सौलत हनीफ व बिल्डर खालिद जफर समेत कई करीबियों के 15 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने 84.68 लाख रुपये कैश, 60 लाख के Gold bars, 2.85 करोड़ के Gold और Diamond की ज्वेलरी व 30 मोबाइल जब्त किए गए थे.
माफिया अतीक अहमद के अकाउंटेंट सीताराम शुक्ला, खालिद जफर, CA आसिफ जाफरी, शाहीन अख्तर, सौलत हनीफ और बिजनेसमैन संजीव अग्रवाल के ठिकानों पर छापा मारा गया था. ईडी ने खान सौलत हनीफ के घर से अतीक अहमद की कई संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज बरामद किए थे.
ईडी को अतीक के नाम दर्ज लखनऊ में 47 लाख रुपये की कीमत के 5900 Sqmt में बने मकान के कागजात मिले हैं. अतीक अहमद ने साल 2013 में लखनऊ के गोमतीनगर का प्लॉट 29 लाख रुपये में लिखवा लिया था, जबकि सर्किल रेट से कीमत 47 लाख रुपये थी.
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साल 2012 से 2017 के बीच अतीक अहमद ने लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक 100 बेनामी संपत्तियां बना लीं. इन सभी के दस्तावेज ED के हाथ लगे हैं. प्रयागराज के सिविल लाइन इलाके में अतीक अहमद के नाम पर खरीदी गई कीमती संपत्तियां भी मिलीं हैं. ईडी ने छापेमारी के बाद अतीक अहमद की बेनामी संपत्तियों को जब्त कर लिया है.
अतीक को 17 साल पुराने मामले में सुनाई जा चुकी है सजा
17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में बीते दिनों प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया था. कोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने अपहरण के मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को भी दोषी पाया था.
कोर्ट ने तीनों पर 1- 1 लाख का जुर्माना लगाया, जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया गया था. अतीक पर 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं, लेकिन पहली बार उसे किसी केस में सजा सुनाई गई.
राजू पाल की हत्या में गवाह उमेश का कर लिया गया था अपहरण
राजू पाल की हत्या के केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत पांच आरोपी नामजद थे. जबकि पुलिस ने चार अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था. इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह थे. उमेश का 28 फरवरी 2006 को अपहरण कर लिया गया था. इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था. इस मामले में अतीक को उम्रकैद की सजा हो चुकी है.
उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का आरोपी है अतीक
बता दें कि प्रयागराज में बीते 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके सुरक्षा कर्मियों की बदमाशों ने गोली और बम मारकर हत्या कर दी थी. उमेश पाल कुछ साल पहले हुई राजू पाल की हत्या के मामले में गवाह थे. 24 फरवरी को उमेश गाड़ी से उतर रहे थे, उसी दौरान बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर हत्या कर दी थी. इस दौरान उमेश के साथ उनके गनर की भी मौत हो गई थी. बदमाशों ने इस हत्याकांड को 44 सेकेंड में अंजाम दिया था.
संतोष शर्मा