लखनऊ की ये नई कॉलोनियां बन रही आतंकियों का ठिकाना, 20 वर्षों में ISIS से लेकर कई संगठनों के आतंकी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विकसित हो रही नई कॉलोनियां आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन रही हैं. क्योंकि 20 वर्षों में इन कॉलोनियों से कई आतंकी संगठनों से जुड़े आतंकियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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लखनऊ की नई कॉलोनियां बन रही आतंकियों का ठिकाना. (Photo: Representational ) लखनऊ की नई कॉलोनियां बन रही आतंकियों का ठिकाना. (Photo: Representational )

समर्थ श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 12 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:47 AM IST

दिल्ली ब्लास्ट के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं. इसी क्रम में जम्मू कश्मीर पुलिस ने लखनऊ के लालबाग इलाके की रहने वाली डॉक्टर शाहीन को गिरफ्तार किया है. दावा किया जा रहा है कि शाहीन कई आतंकियों से लंबे समय से संपर्क में थी. ऐसे में लखनऊ की नई विकसित हो रही कॉलोनियों से आतंकियों के कनेक्शन को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. क्या नव विकसित कॉलोनियां आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना साबित हो ही हैं?

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पिछले 20 साल में यहां से हिजबुल मुजाहिद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा, अलकायदा, ISIS, हूजी मॉड्यूल के तमाम संदिग्ध आतंकवादियों को या तो गिरफ्तार किया जा चुका है या फिर मार गिराया गया है. इनके पास से सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी मात्रा में असहले और विस्फोटक सामग्री भी बरामद की है.

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2005 में हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े आतंकियों की हुई थी गिरफ्तारी

बात 2005 की है, तब यूपी में ATS यानी आतंकवादी निरोधक दस्ते का गठन नहीं हुआ था. STF सक्रिय थी. जानकारी मिली रही थी कि उस समय नई बसी गोमतीनगर कॉलोनी में कुछ विदेशी शरण लिए हुए हैं. STF दल के साथ पहुंची तो एके-47 से फायरिंग शुरू हो गई. जवाबी कार्रवाई में तीन युवक मारे गए. खुलासा हुआ कि तीनों पाकिस्तानी थे और हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े थे.

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इस मुठभेड़ के दो साल बाद STF ने देवा रोड पर दो आतंकियों को मार गिराया. जिसमें एक कैराना (यूपी) का बसाल था, जबकि दूसरा पाकिस्तानी था. हाल की बात करें तो 11 जुलाई 2021 को UP-ATS ने मड़ियांव और दुबग्गा से अलकायदा समर्थित अंसार गजवा तुल से जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों (मिनहाज और नसीरुद्दीन) को गिरफ्तार किया. इनके पास से प्रेशर कुकर बम के साथ बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिले थे. 

2017 में हाजी कॉलोनी में मारा गया था सैफुल्ला

पुलिस का दावा था कि ये 15 अगस्त को बड़ी आतंकी घटना की साजिश रच रहे थे. इससे पहले 8 मार्च 2017 को UP-ATS ने काकोरी इलाके की हाजी कॉलोनी में सैफुल्ला को मार गिराया था. मूल रूप से कानपुर का रहने वाला सैफुल्ला किराये के मकान में ठिकाना बनाए था. उसके कमरे से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए थे.

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ये भी हुए थे गिरफ्तार:

- मई 2005 में एसटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े सादात रशीद और इरफान को गिरफ्तार किया था.
- दिसंबर 2006 में कैसरबाग में ISI एजेंट अब्दुल शकूर और आदिल अरेस्ट हुआ था.
- जुलाई 2006 में कैंट में पकड़ा गया ISI एजेंट लारेब खान आइटी चौराहे के पास प्लेसमेंट एजेंसी चला रहा था.
- जून 2007 में ATS ने हूजी के एरिया कमांडर बाबू भाई को उसके साथी नौशाद के साथ गिरफ्तार किया था.

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- नवंबर 2007 में ATS ने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े तीन लोगों को पकड़ा था.
- मार्च 2007 में ATS ने आतंकी संगठन को असलहे सप्लाई करने के आरोप में मॉडल हाउस निवासी इजहार खान को पकड़ा था.
- सितंबर 2007 में ATS ने सिमी सदस्य शहबाज अहमद को पकड़ा था.
- अगस्त 2008 में STF ने जमात-उल-मुजाहिद्दीन से जुड़े मोहम्मद मसरूर को गिरफ्तार किया था. 

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