यूपी की राजधानी लखनऊ में साइबर जालसाजों ने एक बार फिर लोगों को अपने झांसे में लेकर बड़ी ठगी को अंजाम दिया है. शहर के तीन अलग-अलग इलाकों के लोगों से शेयर ट्रेडिंग, मकान किराये पर दिलाने और खुद को बैंककर्मी बताकर ठगी की गई. ठगों ने कुल 20.93 लाख रुपये हड़प लिए. ठगी के शिकार हुए लोगों ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
जानकारी के अनुसार, चौक के बाग टोला के रहने वाले व्यापारी सुमित टंडन को वॉट्सएप पर आयरन एफएक्स इंटरनेशनल ग्रुप में ट्रेडिंग करने का मैसेज मिला था. संपर्क करने पर नेहा गुप्ता नाम की युवती ने उन्हें शेयर ट्रेडिंग में मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया. सुमित उसकी बातों में आकर 23 दिनों में सात बार में कुल 10.50 लाख रुपये इनवेस्ट कर चुके थे. जब सुमित को 60 लाख रुपये का प्रॉफिट दिखाया गया और उन्होंने पैसा निकालना चाहा तो जालसाज टैक्स के नाम पर और रुपये मांगने लगे. इनकार करने पर सुमित को ब्लॉक कर दिया गया.
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वहीं अलीगंज सेक्टर-जे के रहने वाले 92 वर्षीय जगदीश चंद्र कुकरेती ने मैजिक ब्रिक्स पर अपना घर किराये पर देने के लिए ऐड डाला था. इस बीच उन्हें एनएसजी कमांडो आशीष कुमार पहाड़ी बनकर एक शख्स ने कॉल किया और घर किराए पर लेने की बात कही. भरोसे में लेकर जालसाज ने उनसे बैंक डिटेल्स ले लीं और उनके खाते से 12 बार में कुल 5.38 लाख रुपये उड़ा दिए.
इसी तरह गोमतीनगर विस्तार के शालीमार विस्टा के रहने वाले कृष्णकांत त्रिवेदी से एक शख्स ने खुद को पीएनबी बैंक का कस्टमर केयर कर्मी बताकर संपर्क किया. उसने उनके अकाउंट में तकनीकी दिक्कत बताकर बैंक डिटेल्स हासिल कर लीं और उनके खाते से 5.5 लाख रुपये निकाल लिए.
इंस्पेक्टर ब्रजेश यादव के मुताबिक, तीनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. पुलिस साइबर ठगों के मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि लोग किसी भी अनजान कॉल या लिंक पर भरोसा न करें और बैंकिंग या निवेश संबंधी जानकारी साझा करने से बचें.
आशीष श्रीवास्तव