गर्मी से निपटने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर ने बनाया प्लान, इस तकनीक से श्रद्धालुओं को देंगे राहत

काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने लू, धूप और गर्मी से बचाने के लिए प्लान तैयार किया है. जल्द ही इसे लागू भी कर दिया जाएगा. ताकि देश और दुनिया भर से रिकॉर्डतोड़ श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े. गर्मी में लू की वजह से भी लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

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Kashi Vishwanath Temple (Photo- PTI) Kashi Vishwanath Temple (Photo- PTI)

रोशन जायसवाल

  • वाराणसी,
  • 30 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 8:47 PM IST

मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में ही वाराणसी में पारा 38 डिग्री तक जा पहुंचा है. इसको देखते हुए अब भीड़भाड़ वाले स्थान पर गर्मी से निपटने के इंतजाम भी शुरू हो चुके हैं.  इसको लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने लू, धूप और गर्मी से बचाने के लिए प्लान बना लिया है. जल्द ही इसे लागू भी कर दिया जाएगा. ताकि देश और दुनिया भर से रिकॉर्डतोड़ श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े.

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काशी विश्वनाथ धाम यानी विश्वनाथ कॉरिडोर में धूप, गर्मी, लू और तपिश से बचाव के बारे में मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने 'आजतक' से बात की. उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम में आए हुए श्रद्धालुओं के लिए वाटर कूलर, जमीन पर गीली जूट की मैट, छांव के लिए जर्मन हैंगर की भी व्यवस्था रहेगी. आधुनिक तकनीक के जरिए भी श्रद्धालुओं को गर्मी से बचाव के लिए बेहतर सुविधा देने की कोशिश की जा रही है.

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'अस्पताल की सुविधाओं को बढ़ाने पर हो रहा विचार' 

उन्होंने ये भी बताया कि इन सभी अस्थाई समाधान के अलावा श्रद्धालुओं को लिए स्थाई रूप से भी बेहतर विकल्प निकालकर लागू कराया जाएगा. धाम में एक अस्थाई अस्पताल स्थापित है. जिसमें चिकित्सकीय सेवाएं मिलती हैं. गर्मी में लू की वजह से भी लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. इसलिए अस्पताल की सुविधाओं को भी बढ़ाने पर विचार हो रहा है. 

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'रामलला को पहनाए गए आरामदायक सूती कपड़े'
 
बता दें कि अयोध्या में श्री राम ट्रस्ट ने भी फैसला लिया है कि बढ़ते तापमान की वजह से अब रामलला को आरामदायक सूती कपड़े पहनाए जाएंगे. इसको लेकर शनिवार को मलमल के कपड़े को प्राकृतिक नील (natural indigo) से रंग कर और उसके किनारे गोटा से सजा कर तैयार किया गया. फिर कपड़े रामलला को धारण कराया गया. प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक रामलला को सिल्क के उत्सवी कपड़े धारण कराया जा रहा था.

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