कानपुर में गंगा नहाने के दौरान डूब गए उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह की बॉडी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के 64 गोताखोर 48 घंटे बाद भी ढूंढ नहीं पाए हैं. इन विभागों की एक दर्जन से ज्यादा वाटर बोट गंगा में सर्च अभियान चला रही हैं, लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है.
नहाते समय डूब गए थे आदित्यय वर्धन सिंह
आदित्य वर्धन सिंह शनिवार को दोपहर में अपने दोस्त प्रदीप तिवारी के साथ नहाने पहुंचे थे. जहां वह नहाते वक्त डूब गए थे. उनको बचाने के लिए उनके दोस्त ने घाट पर मौजूद गोताखोरों से अनुरोध किया था. लेकिन गोताखोरों ने 10000 रुपये पहले बगल वाली दुकान पर ट्रांसफर करवाने को कहा था. वहीं, जब तक दोस्त ने रुपये ट्रांसफर किए, तब तक आदित्य वर्धन सिंह डूब चुके थे.
55 घंटे रेस्क्यू के बाद भी नहीं मिली बॉडी
कानपुर पुलिस व प्रशासन की तरफ से गोताखोरों की मदद से उन्हें ढूंढने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है. लेकिन 55 घंटे बाद भी उनका रेस्क्यू नहीं किया जा सका है. एडीसीपी ब्रजेन्द्र द्विवेदी का कहना है कि गंगा बैराज तक काफी लंबा ट्रैक है. ऐसे में हमने रास्ते में पड़ने वाले जो भी गंगा पुल हैं, जैसे परिहार का पुल और गंगा बैराज आदि पर पुलिस के मोटर बोट तैनात कर दिए हैं.
अगर यहां कहीं भी गंगा पिलर के पास बॉडी नजर आएगी तो उसको कवर कर लिया जाएगा. पेरियार पुल के पास भी एसडीआरएफ की चार मोटर बोर्ड निगरानी के लिए तैनात की गई है. वहीं, गंगा बैराज पर 8 घंटे की शिफ्ट पर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, ताकि अगर गेट में कोई बॉडी फंसे तो उसे निकाल लिया जाए.
रंजय सिंह