'पहले बेटे को बदलकर बेटी दी और उसकी भी जान ले ली. हमें हमारा बेटा चाहिए...' यह कहना है उस महिला का, जिसके पति ने एक सप्ताह पहले झांसी मेडिकल कॉलेज में बच्चा बदलने का आरोप लगाया था. अब उस बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई है. पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. वहीं मेडिकल कॉलेज के सीएमएस ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि मां और बच्ची का सैंपल लेकर डीएनए जांच के लिए भेजा गया था. जांच रिपोर्ट आने के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी.
झांसी के मोंठ थाना इलाके के बमरौली आजाद नगर में रहने वाली 24 साल की रीता को प्रसव पीड़ा होने पर 4 दिसंबर को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. रीता का कहना है कि हम दो दिन भर्ती रहे. दर्द के इंजेक्शन लगाए गए. बेटा जन्मा था, हमने अच्छे से देख लिया था. नर्स बच्चे को ले गई और गायब कर दिया.
महिला ने कहा कि पति से कहा कि लड़का हुआ है. पत्नी चाय मांग रही हैं. इस पर पति चाय लेने चले गए. इसके बाद पति से कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर उठाओ, बच्चे को वार्ड में ले जाना है. इसके बाद नर्सों ने बोल दिया कि लड़की हुई है. इसके बाद पति आए और हमसे पूछा. इस पर हमने कहा कि बेटा हुआ. यह सुनने के बाद पति ने कहा कि नर्सें तो बेटी बता रही हैं.
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इसके बाद जब विरोध किया तो हमें धमकी दी गई. फिर शिकायत पुलिस से की. फिर भी हमें लड़की ही सौंपी. उस लड़की को 4 घंटे रखे रहे. हंगामे के बाद डीएनए जांच के लिए सैंपल लिया. ब्लड सैंपल के बाद बच्ची काली पड़ गई. इसके बाद बच्ची को भर्ती कराया गया. जब तक हम भर्ती रहे, तब तक हमें नींद की दवाएं देते रहे.
पुलिस की मदद से हमें छुट्टी मिली, लेकिन बच्ची को भर्ती किए थे. छुट्टी मिलने पर हमने कहा कि बच्ची की फोटो ले लेने दीजिए, लेकिन फोटो भी नहीं लेने दी. इसके बाद 11 तारीख को आए, लेकिन बच्ची से नहीं मिलने दिया और अब बच्ची नहीं रही. रात 9 बजे बच्ची की जान ले ली. हमें बेटा ही चाहिए.
पूरे मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज के सीएमएस ने क्या कहा?
इस मामले में झांसी मेडिकल कॉलेज के सीएमएस सचिन माहौर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले यह केस हुआ था. माता-पिता का आरोप था कि बेटा हुआ है, उन्हें बेटी दी जा रही है. प्रारम्भिक जांच की और डीएनए के लिए सैंपल भेज दिया था. उस बच्ची की मौत हो गई. माता-पिता जब नहीं आ रहे थे तो बच्ची के शव को पुलिस को सौंप दिया था. बच्ची काफी कम वजन और दिनों की हुई थी और विकसित नहीं थी. जिस कारण उसे बच्चा वार्ड में रखा गया था, जहां उसकी मौत हो गई.
प्रमोद कुमार गौतम