उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की अदालत ने 80 वर्षीय एक शख्स और उसके दो बेटों को हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. शख्स ने 2014 में अपनी दूसरी पत्नी का कत्ल कर दिया था. इस वारदात में उसके दोनों बेटे भी साथ थे.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मोहम्मद नियाज अहमद अंसारी ने सुदामा प्रसाद यादव और उनके बेटों पद्मेंद्र और ऐलान सिंह यादव को शिवा देवी की हत्या का दोषी ठहराया. साथ ही प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा ने बुधवार को बताया कि झरना गेट निवासी सुदामा प्रसाद यादव ने पहले विश्वा देवी से शादी की थी और बाद में शिवा देवी से विवाह कर लिया.
सुदामा प्रसाद ने अपनी करोड़ों रुपये की संपत्ति की पावर ऑफ अटॉर्नी अपनी दूसरी पत्नी शिवा देवी को दे दी थी. इससे उनकी पहली शादी से हुए बेटों- पद्मेंद्र, निहाल और ऐलान सिंह यादव में नाराजगी थी, जो संपत्ति के बंटवारे को लेकर अक्सर अपनी सौतेली मां से झगड़ते थे.
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कुशवाहा ने बताया कि 4 जनवरी, 2014 की शाम को, जब शिवा देवी झरना गेट इलाके में शनि मंदिर के बाहर फूल बेच रही थीं, तभी उनके सौतेले बेटे पद्मेंद्र और ऐलान मोटरसाइकिल पर आए और उन्हें गोली मार दी.
सुदामा प्रसाद की शिकायत के आधार पर पद्मेंद्र और ऐलान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. हालांकि, बाद में शिवा देवी की पहली शादी से हुई बेटी संयोगिता, जो घटना की खबर सुनकर बाहर से आई थीं, के आवेदन पर सुदामा प्रसाद को भी मामले में आरोपी बनाया गया.
अभियोजक ने बताया कि लगभग 11 साल की सुनवाई के बाद, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मोहम्मद नियाज़ अहमद अंसारी की अदालत ने गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर पद्मेंद्र, ऐलान और सुदामा प्रसाद यादव को हत्या और हत्या की साजिश रचने का दोषी पाया. बीते मंगलवार को उन्हें आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई.
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