बहराइच के हिंसा प्रभावित महाराजगंज कस्बे और उसके आसपास हालात सामान्य होते दिख रहे हैं. हालांकि, तीसरे दिन भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं. इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है. इस बीच 'आजतक' ने हिंसा प्रभावित मुस्लिम क्षेत्र के लोगों से बातचीत की. उन्होंने बताया कि बवाल के बाद से क्षेत्र में व्यापार करने में दिक्कत आ रही है. गलियों में सन्नाटा पसरा है. दुकान पर कोई कस्टमर नहीं आ रहा.
महसी तहसील के महाराजगंज कस्बे में रहने वाले अब्दुल रहमान नामक एक शख्स ने बताया कि हिंसा से पहले इस क्षेत्र के लोग आपस में बिना किसी झंझट के रहते थे. मगर हिंसा के बाद हालात बदल गए हैं. लोग अब दुकान पर सामान लेने नहीं आ रहे हैं.
वहीं, घटना वाले दिन (13 अक्टूबर) का जिक्र करते हुए अब्दुल रहमान ने कहा- "मूर्ति विसर्जन में हमने कोई अड़ंगा नहीं लगाया. हमारा इस्लामी झंडा छत पर चढ़कर उतार दिया गया था और अपना झंडा लगा दिया था. फिर पत्थर चलाने लगे. गलत गाने भी बजा रहे थे. इसी के बाद बवाल शुरू हुआ."
अब्दुल रहमान ने आगे कहा कि मुस्लिम पक्ष की ओर से अगर फायरिंग हुई थी वो वह गलत है. लेकिन गोली उधर से भी चली थी. पत्थरबाजी भी की गई थी. हम लोग तो मौके से दूर थे. लेकिन बाद में बवाल हमारे इधर भी आ गया. हमारे घरों पर पत्थर फेंके गए. खिड़कियां टूट गईं. पिछले 50 साल से यहां रह रहे हैं, ऐसा कभी नहीं देखा.
ये है पूरा मामला
दरअसल, 13 अक्टूबर को बहराइच के महराजगंज कस्बे में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान विवाद के बाद दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने पथराव कर दिया. जिससे विसर्जन कार्यक्रम में भगदड़ मच गई. इसी दौरान हुई फायरिंग में 22 साल के रामगोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई. उसे बचाने पहुंचे लोग भी गंभीर रूप से घायल हो गए. जिसके बाद विसर्जन कमेटी के लोगों ने हाइवे जाम कर प्रदर्शन शुरु कर दिया.
रामगोपाल की मौत की खबर के बाद पूरे महराजगंज कस्बे में बवाल शुरू हो गया. आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने आरोपी अब्दुल हमीद के घर समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी. अगली सुबह जब मृतक का शव गांव पहुंचा तो भीड़ फिर गुस्साकर बेकाबू हो गई. इस दौरान महराजगंज क्षेत्र में कई घरों, नर्सिंग होम, बाइक शोरूम और दुकानों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई. वहीं, पुलिस ने बेकाबू भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
हालात बिगड़ते देख इंटरनेट सेवा पूरे जिले में बंद कर दी गई, जो अभी तक बंद है. वहीं, पीएसी, आरएएफ को सड़क पर उतार दिया गया. खुद एसटीएफ चीफ पिस्टल लेकर सड़क पर निकले. डीएम-एसपी गश्त करते रहे. घटना के तीन दिन होने के बाद भी महसी के महाराजगंज इलाके में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.
रामगोपाल पर गोली चलाने वाले की तस्वीर सामने आई
इस बीच हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा पर गोली चलाने वाले की एक तस्वीर सामने आई है. गोली चलाने वाले शख्स के हाथ में गन दिख रही है. बताया जा रहा है कि गन ताने खड़ा शख्स अब्दुल हमीद के घर पर मौजूद था, जहां रामगोपाल की हत्या हुई थी.
ये तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. जिसको लेकर आधिकारिक तौर पर कोई बयान सामने नहीं आया है. लेकिन इसकी चर्चा जोरों पर है. तस्वीर तब की बताई जा रही है कि जब घायल रामगोपाल को उसके साथी छत से नीचे लेकर आ रहे थे. फिलहाल, पुलिस तहकीकात में जुटी है.
समर्थ श्रीवास्तव