सुल्तानपुर के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर तैनात एंटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) के मैनेजर ने जो करतूत की, उसने पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं. जिन कैमरों का काम यात्रियों की सुरक्षा, ट्रैफिक मॉनिटरिंग और दुर्घटनाओं की रोकथाम है, उन्हीं कैमरों से यहां कार के अंदर के पलों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. इसके बाद वीडियो से संबंधित व्यक्ति को यह दिखाकर ब्लैकमेलिंग भी की जा रही है. ऐसे ही एक मामने का खुलासा होते ही आरोपी को तुरंत नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया.
कैसे उजागर हुआ पूरा मामला
हलियापुर थाना क्षेत्र में स्थित एक्सप्रेसवे टोल प्लाजा पर एंटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया गया है. यह सिस्टम पूरे एक्सप्रेसवे पर लगे हाई-रिज़ॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरों से वाहनों की आवाजाही पर निगरानी रखता है. हादसे, ओवरस्पीडिंग और संदिग्ध गतिविधियों पर तत्काल नियंत्रण टीम को अलर्ट भेजना इसका मुख्य उद्देश्य है. लेकिन इसी सिस्टम के मैनेजर आशुतोष सरकार ने अपनी जिम्मेदारी को दरकिनार करते हुए इसे निजी कमाई का जरिया बना लिया. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, आशुतोष लंबे समय से एक्सप्रेसवे पर चल रही गाड़ियों की निजी गतिविधियों, प्रेम प्रसंगों और कार के अंदर रिकॉर्ड हुए वीडियो को निकालकर उनका दुरुपयोग कर रहा था. आरोप यह भी है कि वह एक्सप्रेसवे से लगे गांव की महिलाओं के बाहर शौच या अन्य निजी गतिविधियों के वीडियो भी कैमरे से निकालकर उन्हें वायरल कर देता था. यानी जो कैमरे सुरक्षा के लिए लगाए गए थे, उनका इस्तेमाल लोगों की निजता भंग करने और अवैध वसूली में किया गया.
‘अंतरंग पल’ का वीडियो वायरल होने से मचा हड़कंप
मामला तब खुला जब कार के भीतर बैठे एक जोड़े का अंतरंग वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ. जांच में सामने आया कि फुटेज पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर लगे आधिकारिक कैमरे का था. इस खुलासे ने यात्रियों की गोपनीयता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद पीड़ितों ने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजकर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. शिकायत पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे मामले ने और तूल पकड़ा.
ब्लैकमेलिंग का पूरा नेटवर्क?
शिकायत में दावा किया गया है कि मैनेजर आशुतोष सरकार सिर्फ वीडियो बनाकर ही नहीं छोड़ता था, बल्कि उन लोगों के पास खुद पहुंचकर उनकी निजी गतिविधियों के वीडियो दिखाकर मोटी रकम की मांग करता था. कई मामलों में वह वसूली करने के बाद भी वीडियो वायरल कर देता था. लोग डर, शर्म और सामाजिक बदनामी की वजह से चुपचाप पैसा दे देते थे, लेकिन मामला धीरे-धीरे लोगों के बीच खुलने लगा. कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आसपास के गांवों की महिलाओं के बाहर जाने पर भी वह कैमरे से रिकॉर्डिंग निकालकर उन्हें भेज देता था और धमकाता था. ऐसे घिनौने इस्तेमाल से सिस्टम की विश्वसनीयता ही नहीं, बल्कि लोगों की बुनियादी निजता पर गंभीर खतरा खड़ा हो गया.
एटीएमएस का ढांचा और जिम्मेदारी
एंटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर तीन कर्मचारी तैनात रहते हैं. इन्हें दुर्घटनाएं रोकने, मॉनिटरिंग करने और अलर्ट जारी करने की जिम्मेदारी दी जाती है. लेकिन यहां मैनेजर ने अपनी भूमिका से हटकर पूरे सिस्टम को बदनाम किया. विभाग का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज तक सीमित और फायरवॉल से संरक्षित एक्सेस की सुरक्षा में कहां चूक हुई, इसकी जांच शुरू कर दी गई है.
NHAI के अधीन तैनात मैनेजर बर्खास्त
आरोपी मैनेजर आशुतोष सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पैकेज-3 पर आउटसोर्सिंग कंपनी सुपर वेव कम्युनिकेशन एंड इन्फ्रा सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर तैनात था. कंपनी NHAI के अधीन कार्य कर रही है और उसे मॉनिटरिंग से जुड़े महत्वपूर्ण दायित्व दिए गए थे. लेकिन जैसे ही मामला विभाग तक पहुंचा, कंपनी ने तत्काल प्रभाव से उसकी सेवा समाप्त कर दी. प्रबंधन ने साफ कहा कि यात्रियों की निजता से खिलवाड़ और सिस्टम का दुरुपयोग बर्दाश्त से बाहर है.
विस्तृत रिपोर्ट तलब
मुख्यमंत्री कार्यालय को शिकायत भेजे जाने के बाद मामले पर तेजी आई है. सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. यह भी जांच की जा रही है कि सिस्टम तक व्यक्तिगत एक्सेस कैसे मिला और क्या इसमें किसी और की संलिप्तता है.
नितिन श्रीवास्तव