मेरठ: जेल में बेटी, बाहर टूट चुका परिवार! 'कातिल मुस्कान' के घर पर लगा 'मकान बिकाऊ है' का पोस्टर

मेरठ में 'कातिल मुस्कान' के माता-पिता बेटी की करतूत से गहरे सदमे में हैं. सामाजिक बहिष्कार के कारण पिता प्रमोद रस्तोगी का ज्वेलरी कारोबार ठप हो गया, बेटा बेरोजगार हो गया और बहन का ट्यूशन सेंटर बंद हो गया है. तनाव में आकर उन्होंने मकान पर "बिकाऊ है" का पोस्टर भी लगा दिया था, जिसे बाद में हटा लिया.

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पति की हत्या के आरोप में जेल में बंद है मुस्कान (Photo- ITG) पति की हत्या के आरोप में जेल में बंद है मुस्कान (Photo- ITG)

उस्मान चौधरी

  • मेरठ ,
  • 06 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST

यूपी के मेरठ में पति सौरभ की हत्या के आरोप में जेल में बंद 'कातिल मुस्कान' के माता-पिता समाज और तनाव से टूट चुके हैं. बेटी की करतूत के कारण उनका ज्वेलरी का कारोबार ठप हो गया, बेटा बेरोजगार हो गया, और बेटी का ट्यूशन सेंटर बंद हो गया है. हाल ही में उन्होंने अपने मकान पर "मकान बिकाऊ है" का पोस्टर लगा दिया था, जिसे बाद में हटा लिया गया. 

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बेटी की करतूत से टूटा कारोबार

मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी पेशे से ज्वेलर्स हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि बेटी के कारनामे के बाद उनका ज्वेलरी का कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है. ग्राहकों ने उनकी दुकान पर आना बंद कर दिया है. 

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सिर्फ कारोबार ही नहीं, उनका बेटा भी नौकरी से हाथ धो बैठा है और मुस्कान की बहन के ट्यूशन सेंटर में भी अब बच्चे नहीं आते हैं. परिवार आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से टूट गया है. 

समाज और रिश्तों से कटे

पड़ोसियों का कहना है कि मुस्कान के कृत्य के बाद से पूरा परिवार समाज से कट गया है. रिश्तेदार उनसे दूरी बनाने लगे हैं और किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में अब उन्हें बुलावा नहीं आता है. इस गहरे तनाव के चलते हाल ही में प्रमोद रस्तोगी की तबीयत बिगड़ गई. पड़ोसियों के अनुसार, दिवाली के दिन भी वह डिप्रेशन में थे, जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. 

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मेरठ छोड़ने का बना लिया मन

पड़ोसियों ने बताया कि प्रमोद रस्तोगी कुछ दिन पहले भी चीखते-चिल्लाते फिर रहे थे और गहरे तनाव में थे. इसी कारण उन्होंने अपने मकान पर "मकान बिकाऊ है" का पोस्टर भी चस्पा कर दिया था, हालांकि बाद में उसे खुद ही हटा दिया. माना जा रहा है कि सामाजिक बहिष्कार और ठप हुए कारोबार के कारण मुस्कान के माता-पिता अब मेरठ शहर छोड़कर कहीं और जाने का मन बना रहे हैं. 

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