निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद का एक बयान सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा का विषय बना हुआ है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक लड़की का बुर्का हटाने से जुड़े बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कही गई उनकी बात को लेकर विवाद खड़ा हो गया. विपक्ष ने इसे आपत्तिजनक करार दिया, तो वहीं अब खुद संजय निषाद सामने आकर अपनी बात पर सफाई दे रहे हैं.
डॉ. संजय निषाद ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा है कि उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया है और उसे जानबूझकर तोड़-मरोड़ कर दिखाया जा रहा है. उन्होंने साफ कहा कि न तो उनका इरादा किसी समुदाय, महिला या धर्म का अपमान करने का था और न ही उन्होंने किसी तरह की दुर्भावना से यह बात कही.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब कैबिनेट मंत्री संजय निषाद एक लोकल चैनल से बातचीत कर रहे थे. बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें ‘बुर्का उतरने’ को लेकर चर्चा हुई थी. संजय निषाद ने कहा था कि बुर्का उतरने पर इतना बवाल हो गया, अगर कहीं और छू देते तो क्या होता. वो भी तो आदमी ही है ना. इसी बयान के बाद लेकर सियासी गलियारों में हंगामा मच गया. समाजवादी पार्टी की नेता सुमैया राणा ने इस टिप्पणी को आपत्तिजनक बताते हुए लखनऊ के कैसरबाग थाने में शिकायत दर्ज करा दी. पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू कर दी है. शिकायत के बाद यह मुद्दा सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल होने लगा और बयान को लेकर तरह-तरह की व्याख्याएं की जाने लगीं.
वीडियो जारी कर दी सफाई
विवाद बढ़ता देख संजय निषाद ने खुद सामने आकर अपनी बात रखी. वीडियो में उन्होंने कहा कि उनकी बात को जिस तरह से पेश किया जा रहा है, वह वास्तविकता से बिल्कुल अलग है. उन्होंने कहा, अगर किसी को भोजपुरी भाषा और पूर्वांचल की सामाजिक-सांस्कृतिक परंपराओं की थोड़ी भी जानकारी होगी, तो वह समझ जाएगा कि हमारी बोली में कई बार बातें हल्के-फुल्के अंदाज में कही जाती हैं. इसका मतलब यह नहीं होता कि सामने वाले का अपमान किया जा रहा है.
यह हमारी बोलचाल का तरीका है
डॉ. संजय निषाद ने अपने बयान की व्याख्या करते हुए कहा कि पूर्वांचल और भोजपुरी अंचल में बातचीत को टालने या किसी मुद्दे को हल्के अंदाज में खत्म करने के लिए कुछ पारंपरिक शब्द और वाक्य प्रयोग किए जाते हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भोजपुरी में कई बार ऐसे शब्द बोले जाते हैं, जिनका शाब्दिक अर्थ कुछ और होता है, लेकिन भावनात्मक अर्थ बिल्कुल अलग. यह कोई गाली नहीं होती, न ही किसी को नीचा दिखाने का उद्देश्य होता है. यह तो हमारी बातचीत को सहज बनाने और विवाद से बचने का तरीका है. संजय निषाद ने यह भी जोड़ा कि वे गोरखपुर और भोजपुरी अंचल से आते हैं और देश के हर हिस्से में भाषा, बोली और शब्दों का संदर्भ अलग-अलग होता है. हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु हर जगह बोलने का तरीका अलग है. तमिल भाषा में जो शब्द सामान्य हैं, वे उत्तर भारत में अलग अर्थ ले सकते हैं. इसी तरह पूर्वांचल की भाषा को भी उसी संदर्भ में समझना चाहिए.
कोई अपमान या दुर्भावना नहीं
कैबिनेट मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि उनका बयान न तो किसी महिला के खिलाफ था, न किसी समुदाय के खिलाफ और न ही किसी धर्म के प्रति कोई नकारात्मक भावना रखता था. उन्होंने कहा, मैंने यह बात हंसते हुए, सहज भाव से और अपनी स्थानीय भोजपुरी बोली में कही थी. अगर किसी को इससे ठेस पहुंची है या किसी को लगा कि यह शब्द अनुचित है, तो मैं उसे वापस लेने को तैयार हूं.
राजनीति करने वालों पर निशाना
संजय निषाद ने अपने बयान को लेकर चल रही राजनीति पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं और उसे एक एजेंडे का रूप देने की कोशिश कर रहे हैं. अगर किसी को राजनीति करनी है तो करे, लेकिन समाज में अनावश्यक तनाव पैदा न करे. देश और समाज को जोड़ने की जरूरत है, न कि तोड़ने की.
नीतीश कुमार पर भी बोले संजय निषाद
अपने बयान में संजय निषाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के काम को जनता जानती और समझती है. जनता बार-बार उन्हें समर्थन दे रही है और मुख्यमंत्री बना रही है. उन्होंने जो काम किया है, वह जनता के सामने है. आगे भी जनता ही तय करेगी कि उन्हें समर्थन देना है या नहीं.
भाषा और संस्कृति को समझने की जरूरत
डॉ. संजय निषाद ने कहा कि किसी भी बयान को विवाद बनाने से पहले भाषा, बोली और संस्कृति को समझना बेहद जरूरी है. बिना संदर्भ समझे किसी बात को विवाद का रूप देना दुर्भाग्यपूर्ण है. हमें समाज को जोड़ने वाली सोच रखनी चाहिए. यह हर नागरिक का कर्तव्य है.
पुलिस जांच में जुटी
कैसरबाग थाने में दर्ज शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. फिलहाल पुलिस पूरे प्रकरण की कानूनी पहलुओं से जांच कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.
आशीष श्रीवास्तव